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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (7) ছুৰা: আৰ-ৰাআদ
وَیَقُوْلُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لَوْلَاۤ اُنْزِلَ عَلَیْهِ اٰیَةٌ مِّنْ رَّبِّهٖ ؕ— اِنَّمَاۤ اَنْتَ مُنْذِرٌ وَّلِكُلِّ قَوْمٍ هَادٍ ۟۠
७. आणि काफिर (कृतघ्न लोक) म्हणतात की त्याच्यावर त्याच्या पालनकर्त्यातर्फे एखादी निशाणी (चमत्कार) का नाही अवतरित केला गेला? खरी गोष्ट अशी की तुम्ही तर केवळ सचेत करणारे आहात आणि प्रत्येक जनसमूहासाठी मार्गदर्शन करणारा आहे.१
(१) अर्थात प्रत्येक जाती-जमातीच्या मार्गदर्शनासाठी अल्लाहने पैगंबर अवश्य पाठविला आहे. आता ही गोष्ट वेगळी की त्या जनसमूहांनी तो मार्ग अंगीकारला किंवा नाही अंगीकारला, तथापि सरळ मार्ग दाखविण्यासाठी अल्लाहचा संदेश घेऊन येणारा प्रत्येक जाती-जमातीत अवश्य आला.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (7) ছুৰা: আৰ-ৰাআদ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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