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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (5) ছুৰা: আল-হিজৰ
مَا تَسْبِقُ مِنْ اُمَّةٍ اَجَلَهَا وَمَا یَسْتَاْخِرُوْنَ ۟
५. कोणताही जनसमूह आपल्या मृत्युपासून ना पुढे जाऊ शकतो, ना मागे राहू शकतो.१
(१) ज्या वस्तीलादेखील आम्ही अवज्ञेपायी नष्ट करतो, तेव्हा घाई करीत नाही किंबहुना आम्ही एक वेळ निर्धारीत केलेली आहे, त्यावेळेपर्यंत आम्ही त्या वस्तीला संधी देतो. परंतु ठरलेली वेळ येताच त्यांना नष्ट केले जाते, मग त्या विनाशापासून ते ना पुढे जाऊ शकतात, ना मागे राहू शकतात.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (5) ছুৰা: আল-হিজৰ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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