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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (36) ছুৰা: আন-নাহল
وَلَقَدْ بَعَثْنَا فِیْ كُلِّ اُمَّةٍ رَّسُوْلًا اَنِ اعْبُدُوا اللّٰهَ وَاجْتَنِبُوا الطَّاغُوْتَ ۚ— فَمِنْهُمْ مَّنْ هَدَی اللّٰهُ وَمِنْهُمْ مَّنْ حَقَّتْ عَلَیْهِ الضَّلٰلَةُ ؕ— فَسِیْرُوْا فِی الْاَرْضِ فَانْظُرُوْا كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُكَذِّبِیْنَ ۟
३६. आणि आम्ही प्रत्येक जनसमूहात पैगंबर पाठविले की (लोक हो!) केवळ अल्लाहची उपासना करा आणि तागूत (अल्लाहखेरीजची सर्व असत्य उपास्ये) पासून दूर राहा, तर काही लोकांना अल्लाहने मार्गदर्शन प्रदान केले आणि काहींवर मार्गभ्रष्टता सिद्ध झाली. आता तुम्ही स्वतः धरतीवर हिंडून फिरून पाहा की खोटे ठरविणाऱ्यांचा शेवट कसा झाला!
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (36) ছুৰা: আন-নাহল
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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