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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (49) ছুৰা: আল-কাহাফ
وَوُضِعَ الْكِتٰبُ فَتَرَی الْمُجْرِمِیْنَ مُشْفِقِیْنَ مِمَّا فِیْهِ وَیَقُوْلُوْنَ یٰوَیْلَتَنَا مَالِ هٰذَا الْكِتٰبِ لَا یُغَادِرُ صَغِیْرَةً وَّلَا كَبِیْرَةً اِلَّاۤ اَحْصٰىهَا ۚ— وَوَجَدُوْا مَا عَمِلُوْا حَاضِرًا ؕ— وَلَا یَظْلِمُ رَبُّكَ اَحَدًا ۟۠
४९. आणि कर्म-लेख समोर ठेवले जातील, मग तुम्ही पाहाल की अपराधी त्यांच्या कर्मलेखापासून भयभीत होतील आणि म्हणतही असतील की अरेरे! आमचा विनाश! हा कसा लेख आहे, ज्याने कोणताही लहान-मोठा (गुन्हा) घेरल्याविना सोडले नाही, आणि त्यांनी जे कर्म केले होते, ते सर्व काही त्यांना दिसून येईल आणि तुमचा पालनकर्ता कोणावरही अत्याचार व अन्याय करणार नाही.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (49) ছুৰা: আল-কাহাফ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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