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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (90) ছুৰা: আল-বাক্বাৰাহ
بِئْسَمَا اشْتَرَوْا بِهٖۤ اَنْفُسَهُمْ اَنْ یَّكْفُرُوْا بِمَاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ بَغْیًا اَنْ یُّنَزِّلَ اللّٰهُ مِنْ فَضْلِهٖ عَلٰی مَنْ یَّشَآءُ مِنْ عِبَادِهٖ ۚ— فَبَآءُوْ بِغَضَبٍ عَلٰی غَضَبٍ ؕ— وَلِلْكٰفِرِیْنَ عَذَابٌ مُّهِیْنٌ ۟
९०. अतिशय वाईट आहे ती गोष्ट, जिच्या मोबदल्यात त्यांनी स्वतःला विकून टाकले. ते त्यांचे कुप्र (इन्कार) करणे होय, अल्लाहतर्फे अवतरीत ग्रंथाला केवळ या गोष्टीचा द्वेष करून की अल्लाहने आपली कृपा देणगी, ज्या दासावर इच्छिले अवतरीत केली. या कारणाने ते प्रकोपावर प्रकोपाचे भागीदार ठरले. आणि त्या काफिरां (इन्कार करणाऱ्यां) करिता अपमानदायक अज़ाब (शिक्षा-यातना) आहे.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (90) ছুৰা: আল-বাক্বাৰাহ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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