আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী

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102 : 20

یَّوْمَ یُنْفَخُ فِی الصُّوْرِ وَنَحْشُرُ الْمُجْرِمِیْنَ یَوْمَىِٕذٍ زُرْقًا ۟

१०२. ज्या दिवशी सूर (शंख) फुंकला जाईल आणि अपराधी लोकांना आम्ही त्या दिवशी (भीतीमुळे) निळ्या पिवळ्या डोळ्यांसह घेरून आणू. info
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