আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (40) ছুৰা: ছুৰা ত্বা-হা
اِذْ تَمْشِیْۤ اُخْتُكَ فَتَقُوْلُ هَلْ اَدُلُّكُمْ عَلٰی مَنْ یَّكْفُلُهٗ ؕ— فَرَجَعْنٰكَ اِلٰۤی اُمِّكَ كَیْ تَقَرَّ عَیْنُهَا وَلَا تَحْزَنَ ؕ۬— وَقَتَلْتَ نَفْسًا فَنَجَّیْنٰكَ مِنَ الْغَمِّ وَفَتَنّٰكَ فُتُوْنًا ۫۬— فَلَبِثْتَ سِنِیْنَ فِیْۤ اَهْلِ مَدْیَنَ ۙ۬— ثُمَّ جِئْتَ عَلٰی قَدَرٍ یّٰمُوْسٰی ۟
४०. (स्मरण करा) जेव्हा तुमची बहीण जात होती आणि सांगत होती की, तुम्ही म्हणत असाल तर मी त्याचा पत्ता सांगू जो या (बाळा) ची देखरेख ठेवणारा बनू शकेल. अशा प्रकारे आम्ही तुम्हाला पुन्हा तुमच्या मातेजवळ पाठविले, यासाठी की तिचे नेत्र शितल राहावेत आणि ती दुःखी होऊ नये आणि तुम्ही एका माणसाचा वध केला होता, त्या उपरान्त आम्ही तुम्हाला दुःखापासून वाचविले, अर्थात आम्ही तुमची चांगल्या प्रकारे कसोटी घेतली, मग तुम्ही अनेक वर्षापर्यंत मदयनच्या लोकांमध्ये निवास केला, मग अल्लाहच्या लिखित भाग्यानुसार हे मूसा तुम्ही आले.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (40) ছুৰা: ছুৰা ত্বা-হা
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

মাৰাঠী ভাষাত আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ। অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী চাহাবে। প্ৰকাশ কৰিছে আল-বিৰ ফাউণ্ডেচন মুম্বাই।

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