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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (82) ছুৰা: ত্বা-হা
وَاِنِّیْ لَغَفَّارٌ لِّمَنْ تَابَ وَاٰمَنَ وَعَمِلَ صَالِحًا ثُمَّ اهْتَدٰی ۟
८२. आणि निश्चितच मी त्यांना माफ करणार आहे जे माफी मागतील ईमान राखतील सत्कर्मे करतील आणि सरळ मार्गावरही राहतील.१
(१) अर्थात अल्लाहच्या माफीस पात्र होण्यासाठी चार गोष्टी आवश्यक आहेत. कुप्र आणि शिर्कपासून पश्चात्ताप (तौबा) ईमान, नेकीचेकाम आणि सत्य-मार्गावर चालत राहणे अर्थात सन्मार्गावर चालत असताना त्याला मरण यावे. अन्यथा उघड आहे की क्षमा याचना व ईमान नंतर त्याने शिर्क आणि कुप्र मार्ग पत्करला, येथपावेतो की तो त्याच अवस्थेत मरण पावला तर अल्लाहची माफी लाभण्याऐवजी तो अल्लाहच्या प्रकोपास व शिक्षा यातनेस पात्र ठरेल.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (82) ছুৰা: ত্বা-হা
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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