Check out the new design

আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (47) ছুৰা: আন-নূৰ
وَیَقُوْلُوْنَ اٰمَنَّا بِاللّٰهِ وَبِالرَّسُوْلِ وَاَطَعْنَا ثُمَّ یَتَوَلّٰی فَرِیْقٌ مِّنْهُمْ مِّنْ بَعْدِ ذٰلِكَ ؕ— وَمَاۤ اُولٰٓىِٕكَ بِالْمُؤْمِنِیْنَ ۟
४७. आणि जे म्हणतात की आम्ही अल्लाह आणि रसूल (स.) वर ईमान राखले आणि आज्ञाधारक झालोत, मग त्यांच्यातला एक समूह त्यानंतरही तोंड फिरवितो, हे ईमान राखणारे नाहीत.१
(१) हे दांभिक (मुनाफिक) लोकांचे निवेदन आहे, जे तोंडाने इस्लाम जाहीर करीत, परंतु मनात अविश्वास आणि द्वेष- मत्सर राखत. अर्थात खऱ्या ईमानापासून वंचित होते. यास्तव तोंडाने ईमान व्यक्त केल्यानंतरही, त्यांच्या ईमानाचा इन्कार केला गेला आहे.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (47) ছুৰা: আন-নূৰ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

বন্ধ