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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (76) ছুৰা: আন-নামল
اِنَّ هٰذَا الْقُرْاٰنَ یَقُصُّ عَلٰی بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ اَكْثَرَ الَّذِیْ هُمْ فِیْهِ یَخْتَلِفُوْنَ ۟
७६. निःसंशय हा कुरआन इस्राईलच्या संततीसमोर अधिक तर त्या गोष्टींचे निवेदन करीत आहे, ज्यात हे मतभेद करतात.१
(१) अहले किताब (अल्लाहचा ग्रंथ बाळगणारे) अर्थात यहूदी आणि ख्रिश्चन अनेक पंथ - संप्रदायांत विभागले गेले. त्यांचे विचारही परस्पर भिन्न होते. यहूदी लोक हजरत ईसा यांचा अनादर व अपमान करीत आणि ख्रिश्चन त्यांच्या आदर सन्मानात अतिशयोक्ती करीत. येथपावेतो की त्यांना अल्लाह किंवा अल्लाहचा पुत्र बनविले. पवित्र कुरआनने त्यांच्याच संदर्भात अशा गोष्टी सांगितल्या ज्याद्वारे सत्य स्पष्ट होते आणि जर ते कुरआनाने सांगितलेल्या सत्यतेला स्वीकारतील तर त्यांचा श्रद्धेशी संबंधित विरोध नाहीसा होईल आणि त्यांचा आपसातील मतभेद व फुटीरता कमी होईल.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (76) ছুৰা: আন-নামল
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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