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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (32) ছুৰা: আল-ক্বাচাচ
اُسْلُكْ یَدَكَ فِیْ جَیْبِكَ تَخْرُجْ بَیْضَآءَ مِنْ غَیْرِ سُوْٓءٍ ؗ— وَّاضْمُمْ اِلَیْكَ جَنَاحَكَ مِنَ الرَّهْبِ فَذٰنِكَ بُرْهَانٰنِ مِنْ رَّبِّكَ اِلٰی فِرْعَوْنَ وَمَلَاۡىِٕهٖ ؕ— اِنَّهُمْ كَانُوْا قَوْمًا فٰسِقِیْنَ ۟
३२. आपला हात आपल्या खिशात घाला, तो कसल्याही प्रकारच्या डागाविना पूर्ण शुभ्र चकाकणारा होऊन बाहेर निघेल आणि भय- दहशतीपासून आपला बचाव करण्याकरिता आपली भुजा आपल्याशी समेटून घ्या. हे दोन चमत्कार (मोजिजे) तुमच्या पालनकर्त्यातर्फे आहेत, फिरऔन आणि त्याच्या समूहाकडे (प्रस्तुत करण्यासाठी). निःसंशय, ते सर्वच्या सर्व अवज्ञा करणारे दुराचारी लोक आहेत.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (32) ছুৰা: আল-ক্বাচাচ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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