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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (2) ছুৰা: আল-আনকাবূত
اَحَسِبَ النَّاسُ اَنْ یُّتْرَكُوْۤا اَنْ یَّقُوْلُوْۤا اٰمَنَّا وَهُمْ لَا یُفْتَنُوْنَ ۟
२. काय लोकांनी असे समजून घेतले आहे की त्यांच्या केवळ या बोलण्यावर की आम्ही ईमान राखले आहे, त्यांना परीक्षा घेतल्याविना असेच सोडून दिले जाईल?१
(१) अर्थात हा विचार की केवळ तोंडी बोलून ईमान राखल्यानंतर, कसोटी न घेताच सोडले जाईल, उचित नाही, किंबहुना त्यांना प्राण वित्ताची हानी आणि इतर कसोट्यांद्वारे पारखले जाईल, यासाठी की खऱ्या खोट्याची, सत्य असत्याची सच्चा ईमानधारकाची व दांभिक ईमान दर्शविणाऱ्याची माहिती व्हावी.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (2) ছুৰা: আল-আনকাবূত
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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