Check out the new design

আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (112) ছুৰা: আলে ইমৰাণ
ضُرِبَتْ عَلَیْهِمُ الذِّلَّةُ اَیْنَ مَا ثُقِفُوْۤا اِلَّا بِحَبْلٍ مِّنَ اللّٰهِ وَحَبْلٍ مِّنَ النَّاسِ وَبَآءُوْ بِغَضَبٍ مِّنَ اللّٰهِ وَضُرِبَتْ عَلَیْهِمُ الْمَسْكَنَةُ ؕ— ذٰلِكَ بِاَنَّهُمْ كَانُوْا یَكْفُرُوْنَ بِاٰیٰتِ اللّٰهِ وَیَقْتُلُوْنَ الْاَنْۢبِیَآءَ بِغَیْرِ حَقٍّ ؕ— ذٰلِكَ بِمَا عَصَوْا وَّكَانُوْا یَعْتَدُوْنَ ۟ۗ
११२. असे लोक प्रत्येक ठिकाणी अपमानित होत राहतील, तथापि अल्लाहच्या किंवा लोकांच्या आश्रयाखाली असतील तर गोष्ट वेगळी. मात्र हे लोक अल्लाहच्या प्रकोपास पात्र ठरले आणि त्यांच्यावर दारिद्य्र आणि दुर्दशा टाकली गेली. हे अशासाठी झाले की हे लोक अल्लाहच्या आयातींचा इन्कार करीत होते, आणि पैगंबरांची नाहक हत्या करीत होते. हा मोबदला त्यांच्या आज्ञाभंगाचा आणि मर्यादा पार करण्याचा आहे.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (112) ছুৰা: আলে ইমৰাণ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

বন্ধ