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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (118) ছুৰা: আলে ইমৰাণ
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لَا تَتَّخِذُوْا بِطَانَةً مِّنْ دُوْنِكُمْ لَا یَاْلُوْنَكُمْ خَبَالًا ؕ— وَدُّوْا مَا عَنِتُّمْ ۚ— قَدْ بَدَتِ الْبَغْضَآءُ مِنْ اَفْوَاهِهِمْ ۖۚ— وَمَا تُخْفِیْ صُدُوْرُهُمْ اَكْبَرُ ؕ— قَدْ بَیَّنَّا لَكُمُ الْاٰیٰتِ اِنْ كُنْتُمْ تَعْقِلُوْنَ ۟
११८. हे ईमान राखणाऱ्यांनो! तुम्ही आपला जीवलग मित्र ईमानधारकांशिवाय दुसऱ्या कोणाला बनवू नका (तुम्ही नाही पाहत दुसरे लोक तर) तुमचा सर्वनाश करण्यात काहीच कसर बाकी ठेवत नाही. ते तर असे इच्छितात की तुम्ही दुःखातच पडून राहावे. त्यांची शत्रूता तर स्वतः त्यांच्या तोंडून उघड झाली आहे आणि त्यांच्या मनात जे काही आहे ते तर आणखी जास्त आहे. आम्ही आपल्या आयती तुम्हाला स्पष्ट करून सांगितल्या तुम्ही अक्कलवान असाल (तर काळजी घ्या)
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (118) ছুৰা: আলে ইমৰাণ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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