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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (119) ছুৰা: আলে ইমৰাণ
هٰۤاَنْتُمْ اُولَآءِ تُحِبُّوْنَهُمْ وَلَا یُحِبُّوْنَكُمْ وَتُؤْمِنُوْنَ بِالْكِتٰبِ كُلِّهٖ ۚ— وَاِذَا لَقُوْكُمْ قَالُوْۤا اٰمَنَّا ۖۗۚ— وَاِذَا خَلَوْا عَضُّوْا عَلَیْكُمُ الْاَنَامِلَ مِنَ الْغَیْظِ ؕ— قُلْ مُوْتُوْا بِغَیْظِكُمْ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ عَلِیْمٌۢ بِذَاتِ الصُّدُوْرِ ۟
११९. तुम्ही तर असे आहात की त्यांच्याशी प्रेम राखता, पण ते तुमच्याशी प्रेम राखत नाहीत, तुम्ही अल्लाहचा संपूर्ण ग्रंथ मानून घेता आणि (ते नाही मानत, तर मग प्रेम कसे?) हे तुमच्यासमोर तर आपले ईमान कबूल करतात, परंतु जेव्हा एकटे असतात तेव्हा रागाने आपल्या बोटांचा चावा घेतात. त्यांना सांगा, मराल असेच रागाच्या भरात! सर्वश्रेष्ठ अल्लाह मनातल्या सुप्त गोष्टीही चांगल्या प्रकारे जाणतो.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (119) ছুৰা: আলে ইমৰাণ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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