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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (20) ছুৰা: আলে ইমৰাণ
فَاِنْ حَآجُّوْكَ فَقُلْ اَسْلَمْتُ وَجْهِیَ لِلّٰهِ وَمَنِ اتَّبَعَنِ ؕ— وَقُلْ لِّلَّذِیْنَ اُوْتُوا الْكِتٰبَ وَالْاُمِّیّٖنَ ءَاَسْلَمْتُمْ ؕ— فَاِنْ اَسْلَمُوْا فَقَدِ اهْتَدَوْا ۚ— وَاِنْ تَوَلَّوْا فَاِنَّمَا عَلَیْكَ الْبَلٰغُ ؕ— وَاللّٰهُ بَصِیْرٌ بِالْعِبَادِ ۟۠
२०. जर ते तुमच्याशी भांडण-तंटा करतील तर तुम्ही सांगा की मी आणि माझ्या अनुयायींनी स्वतःला अल्लाहकरिता समर्पित केले आणि तुम्ही ग्रंथधारक व अशिक्षित लोकांना सांगा की काय तुम्ही इस्लामचा स्वीकार केला आहे. जर ते इस्लामचा स्वीकार करतील तर त्यांनी सरळ मार्ग प्राप्त करून घेतला आणि जर तोंड फिरवतील तर तुमची जबाबदारी केवळ (संदेश) पोहचविण्याची आहे, आणि अल्लाह आपल्या दासांना स्वतःच पाहत आहे.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (20) ছুৰা: আলে ইমৰাণ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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