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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (37) ছুৰা: আলে ইমৰাণ
فَتَقَبَّلَهَا رَبُّهَا بِقَبُوْلٍ حَسَنٍ وَّاَنْۢبَتَهَا نَبَاتًا حَسَنًا ۙ— وَّكَفَّلَهَا زَكَرِیَّا ؕ— كُلَّمَا دَخَلَ عَلَیْهَا زَكَرِیَّا الْمِحْرَابَ ۙ— وَجَدَ عِنْدَهَا رِزْقًا ۚ— قَالَ یٰمَرْیَمُ اَنّٰی لَكِ هٰذَا ؕ— قَالَتْ هُوَ مِنْ عِنْدِ اللّٰهِ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ یَرْزُقُ مَنْ یَّشَآءُ بِغَیْرِ حِسَابٍ ۟
३७. तिला तिच्या पालनकर्त्याने चांगल्या प्रकारे स्वीकारले आणि तिचे सर्वांत उत्तम प्रकारे पालनपोषण करविले, जकरियाला तिचा देखभाल करणारा बनविले. जेव्हा जेव्हा जकरिया मरियमच्या खोलीत (उपासना-कक्षेत) जात तेव्हा त्यांना त्यांच्याजवळ अन्न-सामग्री ठेवलेली आढळून येत असे. जकरिया विचारीत की हे मरियम! तुमच्याजवळ ही रोजी (आजिविका) कोठून आली? ती उत्तर देत असे की हे सर्वश्रेष्ठ अल्लाहच्या जवळून आहे. निःसंशय, अल्लाह ज्याला इच्छितो अमर्याद रोजी प्रदान करतो.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (37) ছুৰা: আলে ইমৰাণ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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