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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (3) ছুৰা: আচ-ছাজদাহ
اَمْ یَقُوْلُوْنَ افْتَرٰىهُ ۚ— بَلْ هُوَ الْحَقُّ مِنْ رَّبِّكَ لِتُنْذِرَ قَوْمًا مَّاۤ اَتٰىهُمْ مِّنْ نَّذِیْرٍ مِّنْ قَبْلِكَ لَعَلَّهُمْ یَهْتَدُوْنَ ۟
३. काय हे असे म्हणतात की याने हा ग्रंथ मनाने रचून घेतला आहे?१ मुळीच नाही. किंबहुना हा तुमच्या पालनकर्त्यातर्फे सत्य आहे, यासाठी की तुम्ही त्यांना भय दाखवावे, ज्यांच्याजवळ तुमच्यापूर्वी कोणी भय दाखविणारा आला नाही. संभवतः ते सत्य मार्गावर यावेत.
(१) हे खडसावून सांगण्याच्या पद्धतीने आहे की काय समस्त विश्वांच्या पालनकर्त्यातर्फे अवतरित केल्या गेलेल्या या महत्त्वपूर्ण ग्रंथाविषयी असे म्हणतात की यास स्वतः (मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) यांनी रचले आहे.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (3) ছুৰা: আচ-ছাজদাহ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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