Check out the new design

আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (10) ছুৰা: ফাতিৰ
مَنْ كَانَ یُرِیْدُ الْعِزَّةَ فَلِلّٰهِ الْعِزَّةُ جَمِیْعًا ؕ— اِلَیْهِ یَصْعَدُ الْكَلِمُ الطَّیِّبُ وَالْعَمَلُ الصَّالِحُ یَرْفَعُهٗ ؕ— وَالَّذِیْنَ یَمْكُرُوْنَ السَّیِّاٰتِ لَهُمْ عَذَابٌ شَدِیْدٌ ؕ— وَمَكْرُ اُولٰٓىِٕكَ هُوَ یَبُوْرُ ۟
१०. जो मनुष्य मान-सन्मान प्राप्त करू इच्छित असेल, तर (त्याने जाणून घ्यावे की) समस्त मान-प्रतिष्ठा अल्लाहकरिताच आहे. समस्त पवित्र वचने त्याच्याचकडे चढतात आणि सत्कर्म त्यांना उंचविते, आणि जे लोक दुष्कर्मांच्या कट कारस्थानात व्यस्त राहतात, त्यांच्यासाठी मोठा सक्त अज़ाब आहे आणि त्यांचे हे पाखंड नाश पावेल.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (10) ছুৰা: ফাতিৰ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

বন্ধ