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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (9) ছুৰা: আঝ-ঝুমাৰ
اَمَّنْ هُوَ قَانِتٌ اٰنَآءَ الَّیْلِ سَاجِدًا وَّقَآىِٕمًا یَّحْذَرُ الْاٰخِرَةَ وَیَرْجُوْا رَحْمَةَ رَبِّهٖ ؕ— قُلْ هَلْ یَسْتَوِی الَّذِیْنَ یَعْلَمُوْنَ وَالَّذِیْنَ لَا یَعْلَمُوْنَ ؕ— اِنَّمَا یَتَذَكَّرُ اُولُوا الْاَلْبَابِ ۟۠
९. काय तो मनुष्य, जो रात्रीच्या वेळी सजदा आणि उभे राहण्याच्या अवस्थेत उपासना करण्यात घालवित असेल, आखिरतचे भय बाळगत असेल आणि आपल्या पालनकर्त्याच्या दया - कृपेची आस बाळगत असेल, आणि तो, जो याच्या उलट असेल, समान असू शकतात, बरे हे सांगा की विद्वान आणि अज्ञानी दोघे समान आहेत? निःसंशय, बोध तर तेच प्राप्त करतात, जे बुद्धिमान असतील.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (9) ছুৰা: আঝ-ঝুমাৰ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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