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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (135) ছুৰা: আন-নিছা
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا كُوْنُوْا قَوّٰمِیْنَ بِالْقِسْطِ شُهَدَآءَ لِلّٰهِ وَلَوْ عَلٰۤی اَنْفُسِكُمْ اَوِ الْوَالِدَیْنِ وَالْاَقْرَبِیْنَ ۚ— اِنْ یَّكُنْ غَنِیًّا اَوْ فَقِیْرًا فَاللّٰهُ اَوْلٰی بِهِمَا ۫— فَلَا تَتَّبِعُوا الْهَوٰۤی اَنْ تَعْدِلُوْا ۚ— وَاِنْ تَلْوٗۤا اَوْ تُعْرِضُوْا فَاِنَّ اللّٰهَ كَانَ بِمَا تَعْمَلُوْنَ خَبِیْرًا ۟
१३५. हे ईमान राखणाऱ्यांनो! न्यायावर मजबूतीने कायम राहणारे आणि अल्लाहकरिता खरी साक्ष देणारे बना, मग तो साक्ष स्वतः तुमच्याविरूद्ध आणि तुमचे माता-पिता व नातेवाईकांच्या विरूद्ध का असेना, मग तो मनुष्य धनवान असो किंवा गरीब असो तर त्या दोघांपेक्षा अल्लाहचे नाते खूप (जवळचे) आहे. यास्तव न्याय करण्यात मनाला वाटेल ते करू नका, आणि जर चुकीचे निवेदन द्याल किंवा न मानाल तर (जाणून असा की) अल्लाह तुमच्या प्रत्येक कर्माला जाणून आहे.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (135) ছুৰা: আন-নিছা
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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