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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (136) ছুৰা: আন-নিছা
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا اٰمِنُوْا بِاللّٰهِ وَرَسُوْلِهٖ وَالْكِتٰبِ الَّذِیْ نَزَّلَ عَلٰی رَسُوْلِهٖ وَالْكِتٰبِ الَّذِیْۤ اَنْزَلَ مِنْ قَبْلُ ؕ— وَمَنْ یَّكْفُرْ بِاللّٰهِ وَمَلٰٓىِٕكَتِهٖ وَكُتُبِهٖ وَرُسُلِهٖ وَالْیَوْمِ الْاٰخِرِ فَقَدْ ضَلَّ ضَلٰلًا بَعِیْدًا ۟
१३६. हे ईमान राखणाऱ्यांनो! अल्लाह आणि त्याचे पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) आणि त्या ग्रंथा (पवित्र कुरआन) वर जो त्याने आपले पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) यांच्यावर अवतरीत केला आहे आणि त्या ग्रंथांवर जे यापूर्वी अवतरीत केले गेले, ईमान राखा आणि जो अल्लाह आणि त्याच्या फरिश्त्यांना आणि त्याच्या ग्रंथांना, त्याच्या पैगंबरांना आणि कयामतच्या दिवसाला न मानेल तो वाट चुकून दूर गेला.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (136) ছুৰা: আন-নিছা
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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