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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (18) ছুৰা: আন-নিছা
وَلَیْسَتِ التَّوْبَةُ لِلَّذِیْنَ یَعْمَلُوْنَ السَّیِّاٰتِ ۚ— حَتّٰۤی اِذَا حَضَرَ اَحَدَهُمُ الْمَوْتُ قَالَ اِنِّیْ تُبْتُ الْـٰٔنَ وَلَا الَّذِیْنَ یَمُوْتُوْنَ وَهُمْ كُفَّارٌ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ اَعْتَدْنَا لَهُمْ عَذَابًا اَلِیْمًا ۟
१८. आणि त्यांची तौबा कदापि कबूल नाही, जे दुष्कर्मांवर दुष्कर्म करीत जातात इतके की त्यांच्यापैकी एखाद्याचे मरण जवळ येऊन ठेपते, तेव्हा म्हणू लागतो की आता मी तौबा करतो! आणि अशा लोकांचीही तौबा कबूल केली जात नाही जे इन्कार करण्याच्या अवस्थेतच मरण पावतात. अशाच लोकांसाठी आम्ही सक्त अज़ाब (कठोर शिक्षा-यातना) तयार करून ठेवला आहे.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (18) ছুৰা: আন-নিছা
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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