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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (41) ছুৰা: আন-নিছা
فَكَیْفَ اِذَا جِئْنَا مِنْ كُلِّ اُمَّةٍ بِشَهِیْدٍ وَّجِئْنَا بِكَ عَلٰی هٰۤؤُلَآءِ شَهِیْدًا ۟ؕؔ
४१. तेव्हा काय अवस्था होईल, जेव्हा प्रत्येक जनसमूहा (उम्मत) मधून एक साक्ष देणारा आम्ही आणू आणि तुम्हाला त्या लोकांवर साक्षीदार बनवून आणू.१
(१) प्रत्येक उम्मत (जनसमूह) चा पैगंबर अल्लाहच्या दरबारात साक्ष देईल, हे अल्लाह, आम्ही तर तुझा संदेश आपल्या लोकांपर्यंत पोहचविला होता, आता त्यांनी मानले नाही तर यात आमचा काय दोष आहे? मग त्यांच्या कथनावर पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम साक्ष देतील, हे अल्लाह! हे खरे सांगतात. पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ही साक्ष त्या कुरआनाद्वारे देतील जे त्यांच्यावर अवतरित झाले आणि ज्यात पूर्वी होऊन गेलेल्या पैगंबरांचे आणि त्यांच्या लोकांचे वृत्तांत आवश्यकतेनुसार सांगितले आहेत.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (41) ছুৰা: আন-নিছা
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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