আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (60) ছুৰা: ছুৰা আন-নিছা
اَلَمْ تَرَ اِلَی الَّذِیْنَ یَزْعُمُوْنَ اَنَّهُمْ اٰمَنُوْا بِمَاۤ اُنْزِلَ اِلَیْكَ وَمَاۤ اُنْزِلَ مِنْ قَبْلِكَ یُرِیْدُوْنَ اَنْ یَّتَحَاكَمُوْۤا اِلَی الطَّاغُوْتِ وَقَدْ اُمِرُوْۤا اَنْ یَّكْفُرُوْا بِهٖ ؕ— وَیُرِیْدُ الشَّیْطٰنُ اَنْ یُّضِلَّهُمْ ضَلٰلًا بَعِیْدًا ۟
६०. काय तुम्ही त्यांना नाही पाहिले, जे दावा करतात की, जे काही तुमच्यावर उतरविले गेले आहे आणि जे काही तुमच्या पूर्वी उतरविले गेले त्यावर ते ईमान राखतात, परंतु आपसातले तंटे सोडविण्यासाठी, अल्लाहऐवजी ते दुसऱ्यांजवळ जाऊ इच्छितात, वास्तविक त्यांना आदेश दिला गेला आहे की त्यांनी, त्याचा (सैतानाचा) इन्कार करावा. सैतान तर हे इच्छितोच की त्यांना बहकवून दूर फेकून द्यावे.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (60) ছুৰা: ছুৰা আন-নিছা
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

মাৰাঠী ভাষাত আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ। অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী চাহাবে। প্ৰকাশ কৰিছে আল-বিৰ ফাউণ্ডেচন মুম্বাই।

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