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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (63) ছুৰা: গাফিৰ
كَذٰلِكَ یُؤْفَكُ الَّذِیْنَ كَانُوْا بِاٰیٰتِ اللّٰهِ یَجْحَدُوْنَ ۟
६३. त्याच प्रकारे ते लोक देखील बहकाविले जात राहिले, जे अल्लाहच्या आयतींचा इन्कार करीत होते.
(१) मग त्या दगडातून साकार केलेल्या मूर्त्या असोत, पैगंबर आणि औलिया असोत, व कबरी-समाधीमध्ये गाडले गेलेली माणसे असोत, मदतीसाठी कोणालाही पुकारू नका, त्यांच्या नावाचे चढावे (नजराणे) चढवू नका, त्यांच्या नावाचा जाप (वजीफा) करू नका, त्यांचे भय बाळगू नका आणि त्यांच्याशी आस बाळगू नका. कारण हे सर्व उपासनेचेच प्रकार आहेत जो केवळ एकमेव अल्लाहचा हक्क आहे.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (63) ছুৰা: গাফিৰ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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