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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (17) ছুৰা: আল-আহক্বাফ
وَالَّذِیْ قَالَ لِوَالِدَیْهِ اُفٍّ لَّكُمَاۤ اَتَعِدٰنِنِیْۤ اَنْ اُخْرَجَ وَقَدْ خَلَتِ الْقُرُوْنُ مِنْ قَبْلِیْ ۚ— وَهُمَا یَسْتَغِیْثٰنِ اللّٰهَ وَیْلَكَ اٰمِنْ ۖۗ— اِنَّ وَعْدَ اللّٰهِ حَقٌّ ۚ— فَیَقُوْلُ مَا هٰذَاۤ اِلَّاۤ اَسَاطِیْرُ الْاَوَّلِیْنَ ۟
१७. आणि ज्याने आपल्या माता-पित्यास म्हटले की, धिःक्कार असो तुमचा (मी तुमच्यापासून अगदी बेजार झालो) तुम्ही मला हेच सांगत राहाल की (मी मेल्यानंतर पुन्हा दुसऱ्यांदा) जिवंत केला जाईल, माझ्यापूर्वीही अनेक जनसमूह होऊन गेलेत. ते दोघे अल्लाहच्या दरबारात विनंती (गाऱ्हाणे) करतात, (आणि म्हणतात) वाईट होवो तुझे, तू ईमान राखणारा हो, निःसंशय, अल्लाहचा वायदा सच्चा आहे, तो उत्तर देतो की हे तर केवळ पूर्वी होऊन गेलेल्या लोकांचे किस्से आहेत.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (17) ছুৰা: আল-আহক্বাফ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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