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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (10) ছুৰা: আল-ফাতাহ
اِنَّ الَّذِیْنَ یُبَایِعُوْنَكَ اِنَّمَا یُبَایِعُوْنَ اللّٰهَ ؕ— یَدُ اللّٰهِ فَوْقَ اَیْدِیْهِمْ ۚ— فَمَنْ نَّكَثَ فَاِنَّمَا یَنْكُثُ عَلٰی نَفْسِهٖ ۚ— وَمَنْ اَوْفٰی بِمَا عٰهَدَ عَلَیْهُ اللّٰهَ فَسَیُؤْتِیْهِ اَجْرًا عَظِیْمًا ۟۠
१०. निःसंशय, जे लोक तुमच्याशी बैअत (अल्लाह आणि त्याच्या पैगंबरांचे आज्ञापालन व अनुसरण करण्याचा वायदा ताकीदपूर्वक जाहीर करणे) करतात, ते निःसंशय, अल्लाहशीच बैअत करतात. त्यांच्या हातावर अल्लाहचा हात आहे, तेव्हा जो मनुष्य वचन भंग करील तर तो स्वतःवरच वचन भंग करतो, आणि जो मनुष्य तो वायदा पूर्ण करील, जो त्याने अल्लाहशी केला आहे, तर त्याला लवकरच अल्लाह फार महान मोबदला प्रदान करील.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (10) ছুৰা: আল-ফাতাহ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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