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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (11) ছুৰা: আল-ফাতাহ
سَیَقُوْلُ لَكَ الْمُخَلَّفُوْنَ مِنَ الْاَعْرَابِ شَغَلَتْنَاۤ اَمْوَالُنَا وَاَهْلُوْنَا فَاسْتَغْفِرْ لَنَا ۚ— یَقُوْلُوْنَ بِاَلْسِنَتِهِمْ مَّا لَیْسَ فِیْ قُلُوْبِهِمْ ؕ— قُلْ فَمَنْ یَّمْلِكُ لَكُمْ مِّنَ اللّٰهِ شَیْـًٔا اِنْ اَرَادَ بِكُمْ ضَرًّا اَوْ اَرَادَ بِكُمْ نَفْعًا ؕ— بَلْ كَانَ اللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ خَبِیْرًا ۟
११. ग्रामीणांपैकी जे मागे सोडून दिले गेले होते, ते आता तुम्हाला निश्चित म्हणतील की आम्ही आपल्या धन-संपत्ती व संततीतच व्यस्त राहिलो, तेव्हा तुम्ही आमच्यासाठी माफीची दुआ-प्रार्थना करा. हे लोक आपल्या तोंडांनी ते बोलतात, जे त्यांच्या मनात नाही. तुम्ही उत्तर द्या की तुमच्यासाठी अल्लाहतर्फे एखाद्या गोष्टीचाही अधिकार कोण बाळगतो, जर तो तुम्हाला नुकसान पोहचवू इच्छिल किंवा तुम्हाला काही लाभ पोहचवू इच्छिल? किंबहुना तुम्ही जे काही करीत आहात, अल्लाह ते चांगल्या प्रकारे जाणतो.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (11) ছুৰা: আল-ফাতাহ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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