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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (19) ছুৰা: আল-মায়িদাহ
یٰۤاَهْلَ الْكِتٰبِ قَدْ جَآءَكُمْ رَسُوْلُنَا یُبَیِّنُ لَكُمْ عَلٰی فَتْرَةٍ مِّنَ الرُّسُلِ اَنْ تَقُوْلُوْا مَا جَآءَنَا مِنْ بَشِیْرٍ وَّلَا نَذِیْرٍ ؗ— فَقَدْ جَآءَكُمْ بَشِیْرٌ وَّنَذِیْرٌ ؕ— وَاللّٰهُ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرٌ ۟۠
१९. हे ग्रंथधारकांनो! पैगंबरांच्या आगमनात एक दीर्घ काळाच्या खंडानंतर आमचे रसूल (मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) येऊन पोहोचले आहेत, जे तुमच्यासाठी धर्म विधानांचे निवेदन करीत आहेत यासाठी की तुम्ही असे न म्हणावे की आमच्याजवळ कोणी शुभ समाचार देणारा आणि सचेत करणारा आला नाही. तेव्हा तुमच्याजवळ एक शुभ समाचार देणारा आणि सचेत करणारा (अंतिम रसूल) येऊन पोहोचला आहे. निःसंशय अल्लाह प्रत्येक गोष्टीचे सामर्थ्य बाळगतो.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (19) ছুৰা: আল-মায়িদাহ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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