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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (42) ছুৰা: আল-মায়িদাহ
سَمّٰعُوْنَ لِلْكَذِبِ اَكّٰلُوْنَ لِلسُّحْتِ ؕ— فَاِنْ جَآءُوْكَ فَاحْكُمْ بَیْنَهُمْ اَوْ اَعْرِضْ عَنْهُمْ ۚ— وَاِنْ تُعْرِضْ عَنْهُمْ فَلَنْ یَّضُرُّوْكَ شَیْـًٔا ؕ— وَاِنْ حَكَمْتَ فَاحْكُمْ بَیْنَهُمْ بِالْقِسْطِ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ یُحِبُّ الْمُقْسِطِیْنَ ۟
४२. हे कान लावून खोट्या गोष्टी ऐकणारे आणि मन तृप्त होईपर्यंत हराम खाणारे आहेत. जर हे तुमच्याजवळ येतील तर तुम्हाला अधिकार आहे, वाटल्यास त्यांच्या दरम्यान फैसला करा, वाटल्यास करू नका. जर तुम्ही त्यांच्यापासून तोड फिरवूनही घ्याल तरीही ते तुम्हाला कसलेही नुकसान पोहचवू शकत नाही आणि जर तुम्ही फैसला कराल तर त्यांच्या दरम्यान न्यायासह फैसला करा. निःसंशय, न्याय करणाऱ्यांशी अल्लाह प्रेम राखतो.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (42) ছুৰা: আল-মায়িদাহ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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