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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (97) ছুৰা: আল-মায়িদাহ
جَعَلَ اللّٰهُ الْكَعْبَةَ الْبَیْتَ الْحَرَامَ قِیٰمًا لِّلنَّاسِ وَالشَّهْرَ الْحَرَامَ وَالْهَدْیَ وَالْقَلَآىِٕدَ ؕ— ذٰلِكَ لِتَعْلَمُوْۤا اَنَّ اللّٰهَ یَعْلَمُ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَمَا فِی الْاَرْضِ وَاَنَّ اللّٰهَ بِكُلِّ شَیْءٍ عَلِیْمٌ ۟
९७. अल्लाहने काबागृहाला, जे आदर-सन्मानपूर्ण घर आहे, लोकांकरिता कायम राहण्याचे कारण बनविले आणि आदरणीय महिन्याला आणि हरममध्ये कुर्बानी दिल्या जाणाऱ्या जनावरांनाही आणि त्या जनावरांनाही, ज्यांच्या गळ्यात पट्टे असतील, हे अशासाठी की तुम्ही या गोष्टीवर विश्वास राखावा की निःसंशय अल्लाह आकाशांच्या व जमिनीच्या समस्त चीज-वस्तूंचे ज्ञान राखतो आणि निःसंशय अल्लाह प्रत्येक गोष्टीचे चांगल्या प्रकारे ज्ञान राखतो.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (97) ছুৰা: আল-মায়িদাহ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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