আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (2) ছুৰা: ছুৰা আল-হাশ্বৰ
هُوَ الَّذِیْۤ اَخْرَجَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا مِنْ اَهْلِ الْكِتٰبِ مِنْ دِیَارِهِمْ لِاَوَّلِ الْحَشْرِ ؔؕ— مَا ظَنَنْتُمْ اَنْ یَّخْرُجُوْا وَظَنُّوْۤا اَنَّهُمْ مَّا نِعَتُهُمْ حُصُوْنُهُمْ مِّنَ اللّٰهِ فَاَتٰىهُمُ اللّٰهُ مِنْ حَیْثُ لَمْ یَحْتَسِبُوْا وَقَذَفَ فِیْ قُلُوْبِهِمُ الرُّعْبَ یُخْرِبُوْنَ بُیُوْتَهُمْ بِاَیْدِیْهِمْ وَاَیْدِی الْمُؤْمِنِیْنَ ۗ— فَاعْتَبِرُوْا یٰۤاُولِی الْاَبْصَارِ ۟
२. तोच आहे ज्याने ग्रंथधारकांमधल्या काफिरांना त्यांच्या घरातून पहिल्या हश्र (एकत्र होण्याचा) वेळी काढले. तुम्हाला कल्पनाही नव्हती की ते निघतील आणि ते स्वतः समजत होते की त्याचे मजबूत किल्ले त्यांना अल्लाहच्या शिक्षा यातनेपासून वाचवून घेतील. तेव्हा त्यांच्यावर अल्लाह (चा प्रकोप) अशा ठिकाणाहून येऊन कोसळला की त्यांना त्याचे अनुमानही नव्हती आणि त्यांच्या मनात अल्लाहने भय टाकले, ते आपल्या घरांना आपल्याच हातांनी ओसाड करीत होते आणि ईमान राखणाऱ्यांच्या हातून (नष्ट करीत होते) तेव्हा, हे डोळे राखणाऱ्यांनो! बोध ग्रहण करा.
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অৰ্থানুবাদ আয়াত: (2) ছুৰা: ছুৰা আল-হাশ্বৰ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

মাৰাঠী ভাষাত আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ। অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী চাহাবে। প্ৰকাশ কৰিছে আল-বিৰ ফাউণ্ডেচন মুম্বাই।

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