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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (3) ছুৰা: আত-তাহৰীম
وَاِذْ اَسَرَّ النَّبِیُّ اِلٰی بَعْضِ اَزْوَاجِهٖ حَدِیْثًا ۚ— فَلَمَّا نَبَّاَتْ بِهٖ وَاَظْهَرَهُ اللّٰهُ عَلَیْهِ عَرَّفَ بَعْضَهٗ وَاَعْرَضَ عَنْ بَعْضٍ ۚ— فَلَمَّا نَبَّاَهَا بِهٖ قَالَتْ مَنْ اَنْۢبَاَكَ هٰذَا ؕ— قَالَ نَبَّاَنِیَ الْعَلِیْمُ الْخَبِیْرُ ۟
३. आणि (स्मरण करा) जेव्हा पैगंबरांनी आपल्या काही पत्नींना गोपनीयतेत एक गोष्ट सांगितली तर जेव्हा तिने त्या गोष्टीची वाच्यता केली, आणि अल्लाहने आपल्या पैगंबराला त्याबाबत अवगत केले, तेव्हा पैगंबरांनी काही गोष्ट तर सांगितली आणि काही सांगायचे टाळले, मग जेव्हा पैगंबरानी आपल्या त्या पत्नीला ही गोष्ट सांगितली, तेव्हा ती म्हणाली, याची खबर तुम्हाला कोणी दिली? सांगितले, सर्व काही जाणणाऱ्या, पूर्ण खबर राखणाऱ्या अल्लाहने मला याची खबर दिली आहे.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (3) ছুৰা: আত-তাহৰীম
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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