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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (40) ছুৰা: আল-হা-ক্বাহ
اِنَّهٗ لَقَوْلُ رَسُوْلٍ كَرِیْمٍ ۟ۚۙ
४०. की निःसंशय, हा (कुरआन) प्रतिष्ठित पैगंबराचे कथन आहे.१
(१) प्रतिष्ठित पैगंबराशी अभिप्रेत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम होत. आणि कथनाशी अभिप्रेत पठण करणे अथवा असे कथन, ज्यास हा प्रतिष्ठित पैगंबर अल्लाहतर्फे तुम्हास पोहचवितो. कारण कुरआन पैगंबराचे किंवा जिब्रीलचे स्वतःचे कथन नाही, किंबहुना अल्लाहचे कथन आहे, जेत्याने फरिश्त्याद्वारे आपल्या पैगंबरावर अवतरित केले, मग त्यानंतर पैगंबरांनी लोकांपर्यंत पोहचविले आहे.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (40) ছুৰা: আল-হা-ক্বাহ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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