আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (43) ছুৰা: ছুৰা আল-আ'ৰাফ
وَنَزَعْنَا مَا فِیْ صُدُوْرِهِمْ مِّنْ غِلٍّ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهِمُ الْاَنْهٰرُ ۚ— وَقَالُوا الْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِیْ هَدٰىنَا لِهٰذَا ۫— وَمَا كُنَّا لِنَهْتَدِیَ لَوْلَاۤ اَنْ هَدٰىنَا اللّٰهُ ۚ— لَقَدْ جَآءَتْ رُسُلُ رَبِّنَا بِالْحَقِّ ؕ— وَنُوْدُوْۤا اَنْ تِلْكُمُ الْجَنَّةُ اُوْرِثْتُمُوْهَا بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ۟
४३. आणि आम्ही त्यांच्या मनातले कपट दूर करू, त्यांच्याखाली नद्या वाहत असतील आणि ते म्हणतील, अल्लाहकरिता सर्व प्रशंसा आहे, ज्याने आम्हाला याच्या मार्गावर लावले जर त्याने मार्गदर्शन केले नसते तर आम्ही स्वतः सन्मार्गास लागलो नसतो. निःसंशय, आमच्या पालनकर्त्याचे रसूल (पैगंबर) सत्यासह आले आणि त्यांना पुकारून सांगितले जाईल की आपल्या कर्मांच्या मोबदल्यात तुम्ही या जन्नतचे हक्कदार बनविले गेले.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (43) ছুৰা: ছুৰা আল-আ'ৰাফ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

মাৰাঠী ভাষাত আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ। অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী চাহাবে। প্ৰকাশ কৰিছে আল-বিৰ ফাউণ্ডেচন মুম্বাই।

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