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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (6) ছুৰা: আল-আ'ৰাফ
فَلَنَسْـَٔلَنَّ الَّذِیْنَ اُرْسِلَ اِلَیْهِمْ وَلَنَسْـَٔلَنَّ الْمُرْسَلِیْنَ ۟ۙ
६. मग आम्ही त्यांना अवश्य विचारू ज्यांच्याजवळ संदेश पाठविला गेला आणि पैगंबरांनाही अवश्य विचारू.१
(१) जनसमूहांना विचारले जाईल की तुमच्याजवळ पैगंबर आले होते? त्यांनी आमचा संदेश पोहचविला होता? ते उत्तर देतील, होय. हे अल्लाह! तुझे पैगंबर खचितच आमच्याजवळ आले होते, परंतु हे आमचेच दुर्दैव होते की आम्ही त्यांची काळजी घेतली नाही. मग पैगंबरांना विचारले जाईल की तुम्ही आमचा संदेश आपल्या लोकांना पोहचविला आणि त्यांनी त्या अनुषंगाने कोणते आचरण केले? पैगंबर या प्रश्नाचे उत्तर देतील, ज्याचे सविस्तर वर्णन पवित्र कुरआनात अनेक ठिकाणी आहे.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (6) ছুৰা: আল-আ'ৰাফ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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