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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (27) ছুৰা: আল-জ্বিন
اِلَّا مَنِ ارْتَضٰی مِنْ رَّسُوْلٍ فَاِنَّهٗ یَسْلُكُ مِنْ بَیْنِ یَدَیْهِ وَمِنْ خَلْفِهٖ رَصَدًا ۟ۙ
२७. मात्र त्या रसूल (पैगंबरा) खेरीज, ज्याला तो पसंत करील,१ यासाठी की त्याच्याही पुढे - मागे पहारेकरी (संरक्षक) तैनात करतो.
(१) अर्थात आपल्या पैगंबराला काही परोक्ष गोष्टींची खबर करवितो, ज्याचा संबंध एकतर संदेश पोहचविण्याशी असतो किंवा त्याच्या रसूल होणअयाचे पुरावे असतात. उघड आहे की अल्लाहद्वारे सूचित केल्याने रसूल गैब (परोक्ष) चा जाणणारा ठरू शकत नाही, कारण जर स्वतः पैगंबरालाही गैबचे ज्ञान असते, तर अल्लाहतर्फे त्याला गैबच्या गोष्टींची खबर देण्याची गरजच काय? अल्लाह आपले परोक्ष ज्ञान त्याच वेळी आपल्या रसूलवर प्रकट करतो, जेव्हा तो ते पहिल्यापासून जाणत नसतो, अर्थात हे निर्विवाद सत्य आहे की गैब (परोक्ष) ज्ञान केवळ अल्लाहलाच आहे. जसे की या ठिकाणी स्पष्टतः सांगितले गेले आहे.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (27) ছুৰা: আল-জ্বিন
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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