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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (7) ছুৰা: আল-ইনছান
یُوْفُوْنَ بِالنَّذْرِ وَیَخَافُوْنَ یَوْمًا كَانَ شَرُّهٗ مُسْتَطِیْرًا ۟
७. जे नवस पूर्ण करतात१ आणि त्या दिवसाचे भय बाळगतात, ज्याचे संकट चारी बाजूंना पसरणार आहे.
(१) अर्थात केवळ एक अल्लाहची उपासना करतात, नवसही मानतात तर फक्त अल्लाहकरिता आणि तो पूर्णही करतात. तात्पर्य, नवस पूर्ण करणे आवश्यक आहे, या अटीवर की तो अवज्ञेचा नसावा. हदीसमधील उल्लेखानुसार ज्याने नवस मानला असेल की तो अल्लाहचे आज्ञापालन करील तर त्याचे पालन करावे आणि ज्याने अल्लाहच्या अवज्ञेचा नवस मानला असेल तर त्याने असा नवस पूर्ण करू नये. (सहीह बुखारी, किताबुल ऐमान, बाबुन नज्रे फित ताअते)
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (7) ছুৰা: আল-ইনছান
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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