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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (48) ছুৰা: আল-আনফাল
وَاِذْ زَیَّنَ لَهُمُ الشَّیْطٰنُ اَعْمَالَهُمْ وَقَالَ لَا غَالِبَ لَكُمُ الْیَوْمَ مِنَ النَّاسِ وَاِنِّیْ جَارٌ لَّكُمْ ۚ— فَلَمَّا تَرَآءَتِ الْفِئَتٰنِ نَكَصَ عَلٰی عَقِبَیْهِ وَقَالَ اِنِّیْ بَرِیْٓءٌ مِّنْكُمْ اِنِّیْۤ اَرٰی مَا لَا تَرَوْنَ اِنِّیْۤ اَخَافُ اللّٰهَ ؕ— وَاللّٰهُ شَدِیْدُ الْعِقَابِ ۟۠
४८. आणि जेव्हा त्यांच्या कर्मांना सैतान त्यांना सुशोभित करून दाखवित होता आणि सांगत होता की माणसांपैकी कोणीही आज तुमच्यावर वर्चस्वशाली होऊ शकत नाही. मी स्वतः तुमचा समर्थक आहे, परंतु जेव्हा दोन्ही गट जाहीर झाले, तेव्हा आपल्या उलटपावली फिराला आणि म्हणू लागला की मी तर तुमच्यापासून वेगळा आहे, विभक्त आहे. मी ते काही पाहत आहे जे तुम्ही पाहत नाही. मी अल्लाहचे भय बाळगतो आणि अल्लाह मोठा सक्त अज़ाब देणारा आहे.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (48) ছুৰা: আল-আনফাল
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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