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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (117) ছুৰা: আত-তাওবাহ
لَقَدْ تَّابَ اللّٰهُ عَلَی النَّبِیِّ وَالْمُهٰجِرِیْنَ وَالْاَنْصَارِ الَّذِیْنَ اتَّبَعُوْهُ فِیْ سَاعَةِ الْعُسْرَةِ مِنْ بَعْدِ مَا كَادَ یَزِیْغُ قُلُوْبُ فَرِیْقٍ مِّنْهُمْ ثُمَّ تَابَ عَلَیْهِمْ ؕ— اِنَّهٗ بِهِمْ رَءُوْفٌ رَّحِیْمٌ ۟ۙ
११७. सर्वश्रेष्ठ अल्लाहने पैगंबरांच्या स्थितीवर दया-दृष्टी केली आणि देशत्याग करून आलेल्यांवर आणि त्यांना मदत करणाऱ्या अन्सार लोकांच्या स्थितीवरही, ज्यांनी अशा अडचणीच्या वेळी पैगंबरांना साथ दिली, त्यानंतर की त्यांच्यातल्या एका गटाची मने डळमळू लागली होती. मग अल्लाहने त्यांच्या अवस्थेवर दया केली. निःसंशय, अल्लाह त्या सर्वांवर अतिशय मेहरबान आणि दया करणारा आहे.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (117) ছুৰা: আত-তাওবাহ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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