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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (28) ছুৰা: আত-তাওবাহ
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا اِنَّمَا الْمُشْرِكُوْنَ نَجَسٌ فَلَا یَقْرَبُوا الْمَسْجِدَ الْحَرَامَ بَعْدَ عَامِهِمْ هٰذَا ۚ— وَاِنْ خِفْتُمْ عَیْلَةً فَسَوْفَ یُغْنِیْكُمُ اللّٰهُ مِنْ فَضْلِهٖۤ اِنْ شَآءَ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ عَلِیْمٌ حَكِیْمٌ ۟
२८. हे ईमान राखणाऱ्यांनो! निःसंशय अनेकेश्वरवादी नापाक (अस्वच्छ अशुद्ध) आहेत.१ ज्यांनी या वर्षानंतर मसजिदे हराम (आदरणीय मसजिद-काबागृहा) च्या जवळही येता कामा नये जर तुम्हाला गरीबीचे भय असेल तर अल्लाह तुम्हाला आपल्या दया कृपेने धनवान करील जर अल्लाह इच्छिल. निःसंशय अल्लाह सर्वज्ञ आणि हिकमतशाली आहे.
(१) अनेक ईश्वरांची भक्ती आराधना करणाऱ्यांचे नापाक (अस्वच्छ अशुद्ध) असण्याचा अर्थ श्रद्धा, ईमान आणि कर्मांची अस्वच्छता व अशुद्धता होय. काहींच्या मते हे अंतर्बाह्यरित्या नापाक आहेत, कारण ते मल-मुत्र त्याग करताना स्वच्छता व पावित्र्याचा या प्रकारे इतमाम राखत नाही ज्याबाबतचा आदेश धार्मिक नियमांद्वारे दिला गेला आहे.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (28) ছুৰা: আত-তাওবাহ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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