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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (95) ছুৰা: আত-তাওবাহ
سَیَحْلِفُوْنَ بِاللّٰهِ لَكُمْ اِذَا انْقَلَبْتُمْ اِلَیْهِمْ لِتُعْرِضُوْا عَنْهُمْ ؕ— فَاَعْرِضُوْا عَنْهُمْ ؕ— اِنَّهُمْ رِجْسٌ ؗ— وَّمَاْوٰىهُمْ جَهَنَّمُ ۚ— جَزَآءً بِمَا كَانُوْا یَكْسِبُوْنَ ۟
९५. जेव्हा तुम्ही त्यांच्याजवळ परत जाल तेव्हा ते तुमच्यासमोर अल्लाहची शपथ घेतील, यासाठी की तुम्ही त्यांना त्यांच्या दशेवर सोडावे, यास्तव तुम्ही त्यांना त्यांच्या दशेवर सोडा. निश्चितच ते मोठे अपवित्र आहेत आणि त्यांचे ठिकाण नरक (जहन्नम) आहे, त्यांच्या त्या कर्मांच्या मोबदल्यात, जे ते करीत होते.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (95) ছুৰা: আত-তাওবাহ
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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