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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (99) ছুৰা: আত-তাওবাহ
وَمِنَ الْاَعْرَابِ مَنْ یُّؤْمِنُ بِاللّٰهِ وَالْیَوْمِ الْاٰخِرِ وَیَتَّخِذُ مَا یُنْفِقُ قُرُبٰتٍ عِنْدَ اللّٰهِ وَصَلَوٰتِ الرَّسُوْلِ ؕ— اَلَاۤ اِنَّهَا قُرْبَةٌ لَّهُمْ ؕ— سَیُدْخِلُهُمُ اللّٰهُ فِیْ رَحْمَتِهٖ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟۠
९९. आणि ग्रामीणांपैकी काही असेही आहेत, जे अल्लाहवर आणि कयामतच्या दिवसावर ईमान राखतात आणि जे काही खर्च करतात त्याला अल्लाहचे सान्निध्य आणि पैगंबरांच्या दुआ- प्रार्थनेचे साधन मानतात. लक्षात ठेवा की त्यांचे हे खर्च करणे, निश्चित त्यांच्यासाठी, अल्लाहची निकटता प्राप्त करण्याचे साधन आहे. त्यांना अल्लाह अवश्य आपल्या कृपा-छत्रात दाखल करील. अल्लाह मोठा माफ करणारा, दया करणारा आहे.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (99) ছুৰা: আত-তাওবাহ
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ- মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

ইয়াক অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বাফী আনচাৰী।

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