Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Vers: (76) Surah / Kapitel: An-Nahl
وَضَرَبَ اللّٰهُ مَثَلًا رَّجُلَیْنِ اَحَدُهُمَاۤ اَبْكَمُ لَا یَقْدِرُ عَلٰی شَیْءٍ وَّهُوَ كَلٌّ عَلٰی مَوْلٰىهُ ۙ— اَیْنَمَا یُوَجِّهْهُّ لَا یَاْتِ بِخَیْرٍ ؕ— هَلْ یَسْتَوِیْ هُوَ ۙ— وَمَنْ یَّاْمُرُ بِالْعَدْلِ ۙ— وَهُوَ عَلٰی صِرَاطٍ مُّسْتَقِیْمٍ ۟۠
अल्लाह ने उनके तर्क के खंडन के लिए एक और उदाहरण दिया है, जो दो आदमियों का उदाहरण है : उनमें से एक गूँगा है। जो अपने बहरेपन और गूँगेपन के कारण, न सुनता है, न बोलता है और न समझता है। वह खुद को और दूसरों को लाभ पहुँचाने में अक्षम है, तथा वह अपने अभिभावक पर एक भारी बोझ है। वह उसे जहाँ भी भेजता है, कोई भलाई लेकर नहीं आता और न किसी अपेक्षित चीज़ को प्राप्त करने में सफल होता है। क्या जिसकी यह स्थिति है, उसके बराबर हो सकता है, जो अच्छी तरह सुनने और बोलने वाला है, तथा उसका लाभ दूसरों तक पहुँचने वाला है। क्योंकि वह लोगों को न्याय करने का आदेश देता है, और वह अपने आप में सदाचारी है। अतः वह एक स्पष्ट मार्ग पर है, जिसमें कोई संदेह और टेढ़ापन नहीं है?! तो भला तुम (ऐ बहुदेववादियो!) अल्लाह को, जो महिमा और पूर्णता के गुणों से विशिष्ट है, अपनी उन मूर्तियों के बराबर कैसे बनाते हो, जो न सुन सकती हैं, न बोल सकती हैं और न कोई लाभ पहुँचा सकती हैं और न कोई हानि दूर कर सकती हैं?!
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• لله تعالى الحكمة البالغة في قسمة الأرزاق بين العباد، إذ جعل منهم الغني والفقير والمتوسط؛ ليتكامل الكون، ويتعايش الناس، ويخدم بعضهم بعضًا.
• बंदों के बीच आजीविका को विभाजित करने में अल्लाह की व्यापक हिकमत है। क्योंकि उसने उन्हें अमीर, ग़रीब और मध्यम वर्गीय बनाया है। ताकि यह ब्रह्मांड पूरा हो जाए, लोग एक-दूसरे के संग जीवन बिताएँ और एक-दूसरे की सेवा करें।

• دَلَّ المثلان في الآيات على ضلالة المشركين وبطلان عبادة الأصنام؛ لأن شأن الإله المعبود أن يكون مالكًا قادرًا على التصرف في الأشياء، وعلى نفع غيره ممن يعبدونه، وعلى الأمر بالخير والعدل.
• उपर्युक्त आयतों में मौजूद दोनों उदाहरण बहुदेववादियों की गुमराही और मूर्तिपूजा की अमान्यता को दर्शाते हैं। क्योंकि सत्य पूज्य की महिमा यह है कि वह मालिक हो, सभी चीज़ों के अंदर तसर्रुफ़ (रद्दोबदल) करने, अपने उपासकों को लाभ पहुँचाने, भलाई तथा न्याय का आदेश देने में सक्षम हो।

• من نعمه تعالى ومن مظاهر قدرته خلق الناس من بطون أمهاتهم لا علم لهم بشيء، ثم تزويدهم بوسائل المعرفة والعلم، وهي السمع والأبصار والأفئدة، فبها يعلمون ويدركون.
• अल्लाह की नेमतों और उसकी शक्ति की अभिव्यक्तियों में से एक यह है कि उसने लोगों को उनकी माताओं के पेट से इस हाल में पैदा किया कि उन्हें किसी भी चीज़ का ज्ञान नहीं था। फिर उन्हें ज्ञान और जानकारी के साधन अर्थात् आँख, कान और दिल प्रदान किए, जिनके द्वारा वे ज्ञान प्राप्त करते हैं।

 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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