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Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - Die Übersetzung in Hindi von Al-Mukhtasar - Eine Kurzfassung der Bedeutungen des edlen Qurans * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Surah / Kapitel: Al-Muʾminūn   Vers:
وَلَوْ رَحِمْنٰهُمْ وَكَشَفْنَا مَا بِهِمْ مِّنْ ضُرٍّ لَّلَجُّوْا فِیْ طُغْیَانِهِمْ یَعْمَهُوْنَ ۟
अगर हम उनपर दया करें और जिस अकाल और भुखमरी से वे पीड़ित हैं, उसे उनसे दूर कर दें, तो भी वे सत्य से अपनी गुमराही में बने रहेंगे इस हाल में कि संकोचवश भटक रहे होंगे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَلَقَدْ اَخَذْنٰهُمْ بِالْعَذَابِ فَمَا اسْتَكَانُوْا لِرَبِّهِمْ وَمَا یَتَضَرَّعُوْنَ ۟
हमने विभिन्न प्रकार की आपदाओं द्वारा उनका परीक्षण किया। परन्तु वे न अपने पालनहार के सामने झुके और न ही उससे विनम्रतापूर्वक दुआ की कि उनसे आपदाओं को दूर कर दे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
حَتّٰۤی اِذَا فَتَحْنَا عَلَیْهِمْ بَابًا ذَا عَذَابٍ شَدِیْدٍ اِذَا هُمْ فِیْهِ مُبْلِسُوْنَ ۟۠
यहाँ तक कि जब हमने उनपर सख़्त यातना का कोई द्वार खोल दिया, तो तुरंत वे उसमें हर राहत और भलाई से निराश हो गए।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَهُوَ الَّذِیْۤ اَنْشَاَ لَكُمُ السَّمْعَ وَالْاَبْصَارَ وَالْاَفْـِٕدَةَ ؕ— قَلِیْلًا مَّا تَشْكُرُوْنَ ۟
(ऐ पुनर्जीवन को झुठलाने वालो!) अल्लाह पाक ही ने तुम्हारे लिए कान बनाए; ताकि उनसे सुनो, आँखें बनाईं; ताकि उनसे देखो और दिल बनाए; ताकि उनसे समझो। फिर भी तुम इन नेमतों पर उसका बहुत कम ही शुक्रिया अदा करते हो।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَهُوَ الَّذِیْ ذَرَاَكُمْ فِی الْاَرْضِ وَاِلَیْهِ تُحْشَرُوْنَ ۟
वही है जिसने (ऐ लोगो!) तुम्हें धरती में पैदा किया और तुम क़ियामत के दिन अकेले उसी के पास हिसाब और बदले के लिए एकत्र किए जाओगे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَهُوَ الَّذِیْ یُحْیٖ وَیُمِیْتُ وَلَهُ اخْتِلَافُ الَّیْلِ وَالنَّهَارِ ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟
वही अकेला सर्वशक्तिमान है, जो जीवन देता है, उसके सिवा कोई दूसरा जीवन देने वाला नहीं। वही अकेला मौत देता है, उसके सिवा कोई दूसरा मौत देने वाला नहीं। तथा उसी अकेले के अधिकार में अंधेरे और रोशनी, लंबाई और लघुता के एतिबार से रात और दिन के बदलने का आकलन करना है। तो क्या तुम उसकी शक्ति तथा पैदा करने और प्रबंध करने में उसकी एकता को नहीं समझते?
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
بَلْ قَالُوْا مِثْلَ مَا قَالَ الْاَوَّلُوْنَ ۟
बल्कि उन्होंने भी वैसी ही बात कही, जो उनके बाप-दादा तथा कुफ़्र में उनके पूर्वजों ने कही थी।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
قَالُوْۤا ءَاِذَا مِتْنَا وَكُنَّا تُرَابًا وَّعِظَامًا ءَاِنَّا لَمَبْعُوْثُوْنَ ۟
उन्होंने पुनर्जीवन का इनकार करते हुए और उसे असंभव जताते हुए कहा : क्या जब हम मर जाएँगे और मिट्टी तथा सड़ी-गली हड्डियाँ बन जाएँगे, तो क्या सचमुच हमें हिसाब के लिए जीवित करके उठाया जाएगा?!
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
لَقَدْ وُعِدْنَا نَحْنُ وَاٰبَآؤُنَا هٰذَا مِنْ قَبْلُ اِنْ هٰذَاۤ اِلَّاۤ اَسَاطِیْرُ الْاَوَّلِیْنَ ۟
हमसे यह वादा किया गया है - कि मरने के बाद पुनर्जीवित होना है - तथा इससे पहले हमारे पूर्वजों से भी यही वादा किया गया था। लेकिन हमने उस वादे को पूरा होते नहीं देखा। यह कुछ और नहीं बल्कि पहले लोगों की किंवदंतियां और झूठी कहानियाँ हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
قُلْ لِّمَنِ الْاَرْضُ وَمَنْ فِیْهَاۤ اِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) पुनर्जीवन का इनकार करने वाले इन काफ़िरों से कह दें : यह धरती और जो कोई भी इस पर है, किसका है? अगर तुम्हारे पास ज्ञान हो तो बताओ?
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
سَیَقُوْلُوْنَ لِلّٰهِ ؕ— قُلْ اَفَلَا تَذَكَّرُوْنَ ۟
वे कहेंगे : यह धरती और जो कोई भी इसपर है, सब अल्लाह का है। अतः आप उनसे कह दें : क्या तुम्हें यह बात समझ में नहीं आती कि जो धरती और उसपर मौजूद सारी चीज़ों का मालिक है, वह तुम्हारी मृत्यु के बाद तुम्हें पुनर्जीवित करने में सक्षम है?
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
قُلْ مَنْ رَّبُّ السَّمٰوٰتِ السَّبْعِ وَرَبُّ الْعَرْشِ الْعَظِیْمِ ۟
आप उनसे पूछिए : सातों आकाशों का स्वामी कौन है? तथा महान सिंहासन का स्वामी कौन है, जिससे बड़ा कोई सृजन नहीं है?
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
سَیَقُوْلُوْنَ لِلّٰهِ ؕ— قُلْ اَفَلَا تَتَّقُوْنَ ۟
वे कहेंगे : सातों आकाश और महान सिंहासन अल्लाह के हैं। तो आप उनसे कह दें : फिर अल्लाह के आदेशों का पालन करके और उसकी मना की हुई चीज़ों से बचकर, तुम उससे डरते क्यों नहीं, ताकि उसकी यातना से सुरक्षित रहो?
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
قُلْ مَنْ بِیَدِهٖ مَلَكُوْتُ كُلِّ شَیْءٍ وَّهُوَ یُجِیْرُ وَلَا یُجَارُ عَلَیْهِ اِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُوْنَ ۟
आप उनसे पूछिए : कौन है वह, जिसके स्वामित्व में प्रत्येक वस्तु है, कोई चीज़ उसके स्वामित्व से निकल नहीं सकती, वह अपने बंदों में से जिसकी चाहे मदद करता है तथा जिसके साथ वह बुराई का इरादा करे उसे कोई उससे छुड़ा नहीं सकता कि उससे यातना को टाल दे। यदि तुम ज्ञान रखते हो, तो बताओ।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
سَیَقُوْلُوْنَ لِلّٰهِ ؕ— قُلْ فَاَنّٰی تُسْحَرُوْنَ ۟
वे कहेंगे : प्रत्येक वस्तु का स्वामित्व अल्लाह पाक के हाथ में है। अतः आप उनसे कह दें : जब तुम यह स्वीकार करते हो, तो फिर तुम्हारी बुद्धि कहाँ चली जाती है कि उसके अलावा किसी और की पूजा करते हो?!
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• عدم اعتبار الكفار بالنعم أو النقم التي تقع عليهم دليل على فساد فطرهم.
• काफिरों का नेमतों या अपने ऊपर आने वाली सज़ाओं से शिक्षा ग्रहण न करना, उनकी प्रकृति के भ्रष्ट होने का प्रमाण है।

• كفران النعم صفة من صفات الكفار.
• नेमतों की नाशुक्री काफिरों की विशेषता है।

• التمسك بالتقليد الأعمى يمنع من الوصول للحق.
• अंधा अनुकरण सच्चाई तक पहुँचने से रोकता है।

• الإقرار بالربوبية ما لم يصحبه إقرار بالألوهية لا ينجي صاحبه.
• अल्लाह के पालनहार होने का इक़रार नरक से नहीं बचा सकता, जब तक कि उसके साथ ही अल्लाह के एकमात्र पूज्य होने का भी इक़रार न किया जाए।

 
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Vom Tafsirzentrum für Quranwissenschaften herausgegeben.

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