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Übersetzung der Bedeutungen von dem heiligen Quran - Die Übersetzung in Hindi von Al-Mukhtasar - Eine Kurzfassung der Bedeutungen des edlen Qurans * - Übersetzungen


Übersetzung der Bedeutungen Surah / Kapitel: Al-Muʾminūn   Vers:
بَلْ اَتَیْنٰهُمْ بِالْحَقِّ وَاِنَّهُمْ لَكٰذِبُوْنَ ۟
मामला वैसा नहीं है, जैसा वे दावा करते हैं। बल्कि हम उनके पास ऐसा सत्य लाए हैं, जिसमें कोई संदेह नहीं। और वे अल्लाह के साझी और संतान होने का दावा करने में निश्चय झूठे हैं। अल्लाह उनकी इस बात से बहुत ऊँचा है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
مَا اتَّخَذَ اللّٰهُ مِنْ وَّلَدٍ وَّمَا كَانَ مَعَهٗ مِنْ اِلٰهٍ اِذًا لَّذَهَبَ كُلُّ اِلٰهٍ بِمَا خَلَقَ وَلَعَلَا بَعْضُهُمْ عَلٰی بَعْضٍ ؕ— سُبْحٰنَ اللّٰهِ عَمَّا یَصِفُوْنَ ۟ۙ
अल्लाह ने कोई संतान नहीं बनाई, जैसा कि काफिरों का दावा है, और उसके साथ वास्तव में कभी कोई पूज्य नहीं था। यदि मान लिया जाए कि उसके साथ वास्तव में कोई पूज्य है, तो प्रत्यक पूज्य उस सृष्टि के अपने हिस्से के साथ चला जाता, जो उसने बनाया था, और वे अवश्य एक-दूसरे पर चढ़ दौड़ते। इस प्रकार ब्रह्मांड की व्यवस्था बिगड़ जाती। जबकि वास्तव में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। अतः यह इंगित करता है कि सत्य पूज्य एक ही है और वह अकेला अल्लाह है। वह बहुत पवित्र एवं महान है उन अयोग्य बातों से, जो अनेकेश्वरवादी उसके साझी और संतान होने की बयान करते हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
عٰلِمِ الْغَیْبِ وَالشَّهَادَةِ فَتَعٰلٰی عَمَّا یُشْرِكُوْنَ ۟۠
वह हर उस चीज़ को जानने वाला है, जो उसकी मख़लूक़ से अदृश्य है तथा हर उस चीज़ को जानने वाला है, जिसे इंद्रियों द्वारा देखा और जाना जाता है। इनमें से कोई चीज़ उससे छिपी नहीं है। अतः वह महिमावान् इस बात से सर्वोच्च है कि उसका कोई साझी हो।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
قُلْ رَّبِّ اِمَّا تُرِیَنِّیْ مَا یُوْعَدُوْنَ ۟ۙ
(ऐ रसूल!) आप दुआ करें : ऐ मेरे पालनहार! अगर तू कभी मुझे इन बहुदेववादियों के बारे में वह यातना दिखाए, जिसका तूने इनसे वादा किया है।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
رَبِّ فَلَا تَجْعَلْنِیْ فِی الْقَوْمِ الظّٰلِمِیْنَ ۟
ऐ मेरे पालनहार! यदि तू उनको दंडित करे और मैं उस समय उपस्थित रहूँ, तो मुझे उनमें शामिल न करना कि मुझे भी उनके साथ यातना का सामना करना पड़ जाए।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاِنَّا عَلٰۤی اَنْ نُّرِیَكَ مَا نَعِدُهُمْ لَقٰدِرُوْنَ ۟
निश्चय हम आपको वह अज़ाब दिखाने में सक्षम हैं, जिसका हम उनसे वादा कर रहे हैं। हम ऐसा करने या इसके अलावा करने में असमर्थ नहीं हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
اِدْفَعْ بِالَّتِیْ هِیَ اَحْسَنُ السَّیِّئَةَ ؕ— نَحْنُ اَعْلَمُ بِمَا یَصِفُوْنَ ۟
(ऐ रसूल) जो आपके साथ बुरा व्यवहार करे, आप उसका जवाब ऐसे व्यवहार से दें, जो सबसे अच्छा हो; इस प्रकार कि आप उसे माफ़ कर दें और उसकी ओर से पहुँचने वाले कष्ट पर धैर्य रखें। हम उस शिर्क और झुठलाने की बातों से भली-भाँति अवगत हैं, जो वे बयान करते हैं और जो वे आपके बारे में ऐसी बातें वर्णन करते हैं, जो आपके योग्य नहीं हैं, जैसे कि जादू और पागलपन।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَقُلْ رَّبِّ اَعُوْذُ بِكَ مِنْ هَمَزٰتِ الشَّیٰطِیْنِ ۟ۙ
और आप दुआ करें : ऐ मेरे पालनहार! मै शैतानों की उकसाहटों और उनके वसवसों से तेरी शरण में आता हूँ।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَاَعُوْذُ بِكَ رَبِّ اَنْ یَّحْضُرُوْنِ ۟
तथा ऐ मेरे पालनहार! मैं इस बात से तेरी शरण माँगता हूँ कि वे मेरे किसी भी मामले में मेरे पास उपस्थित हों।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
حَتّٰۤی اِذَا جَآءَ اَحَدَهُمُ الْمَوْتُ قَالَ رَبِّ ارْجِعُوْنِ ۟ۙ
यहाँ तक कि जब इन बहुदेववादियों में से किसी के पास मौत आती है और जो कुछ उसके साथ होने वाला है, वह उसे अपनी आँखों से देख लेता है, तो अपनी बीती हुई आयु और अल्लाह के आदेश के पालन में होने वाली कोताही पर पछतावा करते हुए कहता है : ऐ मेरे पालनहार! मुझे दुनिया के जीवन की ओर लौटा दे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
لَعَلِّیْۤ اَعْمَلُ صَالِحًا فِیْمَا تَرَكْتُ كَلَّا ؕ— اِنَّهَا كَلِمَةٌ هُوَ قَآىِٕلُهَا ؕ— وَمِنْ وَّرَآىِٕهِمْ بَرْزَخٌ اِلٰی یَوْمِ یُبْعَثُوْنَ ۟
ताकि मैं संसार में लौटकर कोई नेक काम कर लूँ। कदापि नहीं, मामला वैसा नहीं है, जैसा कि उसने अनुरोध किया है। यह केवल एक शब्द है जो वह कहने वाला है। अगर उसे सांसारिक जीवन में वापस भेज दिया जाए, तो वह अपना किया हुआ वादा पूरा नहीं करेगा। ये मरने वाले लोग, क़ियामत के दिन तक दुनिया और आख़िरत के बीच एक ओट में रहेंगे। इसलिए वे वहाँ से दुनिया में वापस नहीं आएँगे कि जो कुछ उनसे छूट गया है, उसकी छतिपूर्ति कर लें और जो कुछ उन्होंने बिगाड़ा है, उसे ठीक कर लें।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَاِذَا نُفِخَ فِی الصُّوْرِ فَلَاۤ اَنْسَابَ بَیْنَهُمْ یَوْمَىِٕذٍ وَّلَا یَتَسَآءَلُوْنَ ۟
फिर जब सूर (नरसिंघा) में फूँक मारने के कार्य पर नियुक्त फरिश्ता, उसमें दूसरी बार फूँक मारेगा, जो क़ियामत का ऐलान होगा, तो उनके बीच कोई रिश्ते-नाते नहीं होंगे जिनपर वे गर्व करते हैं, क्योंकि वे क़ियामत की भयावहता में व्यस्त होंगे। तथा वे अपनी-अपनी चिंताओं में व्यस्त होने के कारण एक-दूसरे को नहीं पूछेंगे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
فَمَنْ ثَقُلَتْ مَوَازِیْنُهٗ فَاُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْمُفْلِحُوْنَ ۟
फिर जिसके पलड़े, उसकी नेकियों के उसके गुनाहों से अधिक होने के कारण, भारी हो गए, तो वही लोग अपनी अपेक्षित चीज़ों को प्राप्त करके और अपनी अप्रिय चीज़ों से मुक्ति पाकर, सफल हैं।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
وَمَنْ خَفَّتْ مَوَازِیْنُهٗ فَاُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ خَسِرُوْۤا اَنْفُسَهُمْ فِیْ جَهَنَّمَ خٰلِدُوْنَ ۟ۚ
और जिसके पलड़े, उसके गुनाहों के उसकी नेकियों से अधिक होने के कारण, भारी हो गए, तो वही लोग हैं, जिन्होंने खुद को बर्बाद कर दिया। क्योंकि उन्होंने ऐसे कार्य किए, जो उनके लिए हानिकारक हैं और ईमान तथा सत्कर्म को छोड़ दिया, जो उनके लिए लाभदायक हैं। अतः वे हमेशा जहन्नम की आग में रहने वाले हैं, उससे कभी बाहर नहीं निकलेंगे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
تَلْفَحُ وُجُوْهَهُمُ النَّارُ وَهُمْ فِیْهَا كٰلِحُوْنَ ۟
उनके चेहरों को जहन्नम की आग जला देगी। और उसमें उनकी स्थिति यह होगी कि गंभीर रूप से त्योरी चढ़ा हुआ होने से उनके ऊपरी और निचले होंठ सिकुड़ गए होंगे और उनके दाँत बाहर निकले आए होंगे।
Arabische Interpretationen von dem heiligen Quran:
Die Nutzen der Versen in dieser Seite:
• الاستدلال باستقرار نظام الكون على وحدانية الله.
• ब्रह्मांड की व्यवस्था की स्थिरता से अल्लाह के एकत्व का प्रमाण ग्रहण करना।

• إحاطة علم الله بكل شيء.
• हर चीज़ अल्लाह के ज्ञान के घेरे में है।

• معاملة المسيء بالإحسان أدب إسلامي رفيع له تأثيره البالغ في الخصم.
• बुराई करने वाले के साथ अच्छा व्यवहार करना एक उच्च इस्लामी शिष्टाचार है, जिसका विरोधी पर बहुत प्रभाव पड़ता है।

• ضرورة الاستعاذة بالله من وساوس الشيطان وإغراءاته.
• शैतान के उकसावों और उसके प्रलोभनों से अल्लाह की शरण लेने की आवश्यकता।

 
Übersetzung der Bedeutungen Surah / Kapitel: Al-Muʾminūn
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Vom Tafsirzentrum für Quranwissenschaften herausgegeben.

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