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Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi translation of Al-Mukhtsar in interpretation of the Noble Quran * - Translations’ Index


Translation of the meanings Surah: Yūsuf   Ayah:
فَلَمَّا جَهَّزَهُمْ بِجَهَازِهِمْ جَعَلَ السِّقَایَةَ فِیْ رَحْلِ اَخِیْهِ ثُمَّ اَذَّنَ مُؤَذِّنٌ اَیَّتُهَا الْعِیْرُ اِنَّكُمْ لَسٰرِقُوْنَ ۟
फिर जब यूसुफ़ ने अपने सेवकों को अपने भाइयों के ऊँटों पर ग़ल्ला लादने का आदेश दिया, तो राजा के मापने के बर्तन को जिससे ग़ल्ला लेने वालों को मापकर दिया करते थे, उनके ज्ञान के बिना अपने सगे भाई की बोरी में डाल दिया, ताकि वह उसे अपने पास रख सकें।। फिर जब वे अपने परिवार की ओर वापस लौटने के लिए निकलने पड़े, तो पीछे से एक आवाज़ देने वाले ने आवाज़ दी : ऐ अन्न से लदे हुए ऊँटों वालो! निश्चय तुम चोर हो।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالُوْا وَاَقْبَلُوْا عَلَیْهِمْ مَّاذَا تَفْقِدُوْنَ ۟
यूसुफ़ के भाइयों ने पीछे से आवाज़ देने वाले और उसके साथियों की ओर मुतवज्जेह होकर कहा : तुम्हारी क्या चीज़ खो गई है कि हमपर चोरी का आरोप लगा रहे हो?
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالُوْا نَفْقِدُ صُوَاعَ الْمَلِكِ وَلِمَنْ جَآءَ بِهٖ حِمْلُ بَعِیْرٍ وَّاَنَا بِهٖ زَعِیْمٌ ۟
आवाज़ लगाने वाले और उसके साथियों ने यूसुफ़ के भाइयों से कहा : हमसे राजा का मापक खो गया है, जिससे मापकर देते हैं। जो व्यक्ति तलाशी से पहले राजा का मापक ले आएगा, उसे पुरस्कार दिया जाएगा और वह एक ऊँट के बोझभर ग़ल्ला है। और मैं उसके लिए इसकी गारंटी देता हूँ।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالُوْا تَاللّٰهِ لَقَدْ عَلِمْتُمْ مَّا جِئْنَا لِنُفْسِدَ فِی الْاَرْضِ وَمَا كُنَّا سٰرِقِیْنَ ۟
यूसुफ़ के भाइयों ने उनसे कहा : अल्लाह की क़सम! निश्चय तुम हमारी ईमानदारी और बेगुनाही को जान चुके हो, जैसा कि तुमने हमारी स्थितियों से देखा है। यक़ीन मानो हम मिस्र में बिगाड़ पैदा करने के लिए नहीं आए हैं, और हम अपने जीवन में कभी चोर नहीं थे।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالُوْا فَمَا جَزَآؤُهٗۤ اِنْ كُنْتُمْ كٰذِبِیْنَ ۟
आवाज़ देने वाले और उसके साथियों ने कहा : तुम्हारे यहाँ उसकी चोरी करने वाले का क्या दंड है, यदि तुम चोरी से बरी होने के अपने दावे में झूठे निकले?
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالُوْا جَزَآؤُهٗ مَنْ وُّجِدَ فِیْ رَحْلِهٖ فَهُوَ جَزَآؤُهٗ ؕ— كَذٰلِكَ نَجْزِی الظّٰلِمِیْنَ ۟
यूसुफ़ के भाइयों ने उनसे कहा : हमारे यहाँ चोरी का दंड यह है कि जिसके सामान में चोरी का माल मिले, उसकी गरदन उस व्यक्ति के हवाले कर दी जाती है, जिसका माल चोरी हुआ है और वह उसे अपना ग़ुलाम बना लेता है। इस तरह ग़ुलाम बनाने के दंड के साथ हम चोरों को दंडित करते हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَبَدَاَ بِاَوْعِیَتِهِمْ قَبْلَ وِعَآءِ اَخِیْهِ ثُمَّ اسْتَخْرَجَهَا مِنْ وِّعَآءِ اَخِیْهِ ؕ— كَذٰلِكَ كِدْنَا لِیُوْسُفَ ؕ— مَا كَانَ لِیَاْخُذَ اَخَاهُ فِیْ دِیْنِ الْمَلِكِ اِلَّاۤ اَنْ یَّشَآءَ اللّٰهُ ؕ— نَرْفَعُ دَرَجٰتٍ مَّنْ نَّشَآءُ ؕ— وَفَوْقَ كُلِّ ذِیْ عِلْمٍ عَلِیْمٌ ۟
चुनाँचे वे उनकी बोरियों की तलाशी के लिए उन्हें यूसुफ़ के पास वापस ले आए। यूसुफ़ ने योजना को गुप्त रखने के लिए, अपने सगे भाई की बोरी का निरीक्षण करने से पहले अपने सौतेले भाइयों की बोरियों की तलाशी लेनी शुरू की। फिर अंत में अपने सगे भाई की बोरी की तलाशी ली और उसमें से राजा का मापक निकाला। हमने जिस तरह यूसुफ़ को अपने भाई की बोरी में मापक रखने का उपाय सुझाया, उसी तरह हमने उसके लिए एक और उपाय किया कि उसके भाइयों ने चोर को दास बनाने के अपने देश के दंड संहिता को अपनाया। हालाँकि ऐसा संभव नहीं होता, यदि चोर के लिए राजा के दंड को लागू किया जाता, जो कि पिटाई करना और जुर्माना लगाना था। सिवाय इसके कि अल्लाह कोई और उपाय चाहता, क्योंकि वह उसका सामर्थ्य रखता है। हम अपने बंदों में से जिसके भी चाहते हैं, पद ऊँचे कर देते हैं, जैसे कि हमने यूसुफ़ का पद ऊँचा कर दिया। और हर ज्ञान वाले व्यक्ति के ऊपर, उससे अधिक ज्ञान वाला मौजूद है। और सभी लोगों के ज्ञान के ऊपर अल्लाह का ज्ञान है, जो सब कुछ जानता है।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالُوْۤا اِنْ یَّسْرِقْ فَقَدْ سَرَقَ اَخٌ لَّهٗ مِنْ قَبْلُ ۚ— فَاَسَرَّهَا یُوْسُفُ فِیْ نَفْسِهٖ وَلَمْ یُبْدِهَا لَهُمْ ۚ— قَالَ اَنْتُمْ شَرٌّ مَّكَانًا ۚ— وَاللّٰهُ اَعْلَمُ بِمَا تَصِفُوْنَ ۟
यूसुफ़ के भाइयों ने कहा : यदि इसने चोरी की है, तो कोई आश्चर्य नहीं है। क्योंकि इसकी इस चोरी से पहले इसके एक सगे भाई ने भी चोरी की थी। उनका अभिप्रेत यूसुफ़ अलैहिस्सलाम थे। किंतु यूसुफ़ ने उनकी इस बात से अपने आहत होने को गुप्त रखा, और इसे उनके सामने प्रकट नहीं किया। उन्होंने अपने दिल में उनसे कहा : तुम जो ईर्ष्या रखते हो और पहले जो दुर्व्यवहार कर चुके हो, इस स्थान पर स्वयं वही बुराई है। और तुम जो यह मिथ्यारोपण कर रहे हो, अल्लाह उसे सबसे अधिक जानता है।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالُوْا یٰۤاَیُّهَا الْعَزِیْزُ اِنَّ لَهٗۤ اَبًا شَیْخًا كَبِیْرًا فَخُذْ اَحَدَنَا مَكَانَهٗ ۚ— اِنَّا نَرٰىكَ مِنَ الْمُحْسِنِیْنَ ۟
यूसुफ़ के भाइयों ने यूसुफ़ से कहा : ऐ अज़ीज़! इसका एक बहुत बूढ़ा बाप है, जो इससे बहुत प्रेम करता है। इसलिए हममें से किसी को इसके स्थान पर रख लीजिए। हम देखते हैं कि आप हमारे मामले तथा हमारे सिवा अन्य लोगों के मामले में उपकार करने वाले हैं। इसलिए हमपर यह उपकार कर दीजिए।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• جواز الحيلة التي يُتَوصَّل بها لإحقاق الحق، بشرط عدم الإضرار بالغير.
• सत्य को सत्यापित करने के लिए उपाय करने की वैधता, बशर्ते कि दूसरों को कोई हानि न पहुँचाई जाए।

• يجوز لصاحب الضالة أو الحاجة الضائعة رصد جُعْل «مكافأة» مع تعيين قدره وصفته لمن عاونه على ردها.
• जिसका कोई सामान या ज़रूरत की कोई चीज़ खो जाए, वह उसे लौटाने में उसकी मदद करने वाले के लिए पारिश्रमिक के तौर पर इनाम का ऐलान कर सकता है, उसकी राशि और उसके विवरण के निर्धारण के साथ।

• التغافل عن الأذى والإسرار به في النفس من محاسن الأخلاق.
• कष्ट की अनदेखी करना और उसे अपने मन में गुप्त रखना, अच्छी नैतिकता में से है।

 
Translation of the meanings Surah: Yūsuf
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Issued by Tafsir Center for Quranic Studies

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