Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Translations’ Index


Translation of the meanings Ayah: (60) Surah: Tā-ha
فَتَوَلّٰی فِرْعَوْنُ فَجَمَعَ كَیْدَهٗ ثُمَّ اَتٰی ۟
फिर फ़िरऔन वापस लौटा, सो उसने अपने दाँव-पेंच और हथकंडे जुटाए। फिर मुक़ाबले के लिए नियत समय और स्थान पर आया।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• إخراج أصناف من النبات المختلفة الأنواع والألوان من الأرض دليل واضح على قدرة الله تعالى ووجود الصانع.
• धरती से विभिन्न प्रकार और रंगों के पौधों की क़िस्में निकालना सर्वशक्तिमान अल्लाह की शक्ति और सृष्टिकर्ता के अस्तित्व का स्पष्ट प्रमाण है।

• ذكرت الآيات دليلين عقليين واضحين على الإعادة: إخراج النبات من الأرض بعد موتها، وإخراج المكلفين منها وإيجادهم.
• उपर्युक्त आयतों में पुनः जीवित किए जाने के दो स्पष्ट बौद्धिक प्रमाणों का उल्लेख किया गया है : बंजर धरती से बारिश के बाद पौधों को उगाना तथा धरती ही से इनसान को निकालकर दोबारा अस्तित्व प्रदान करना।

• كفر فرعون كفر عناد؛ لأنه رأى الآيات عيانًا لا خبرًا، واقتنع بها في أعماق نفسه.
• फ़िरऔन का कुफ़्र, हठ तथा अहंकार पर आधारित था। क्योंकि उसे किसी और के द्वारा निशानियों की सूचना नहीं मिली थी, बल्कि उसने उन्हें खुद अपनी आँखों से देखा था और उनकी सत्यता पर दिल से आश्वस्त हो चुका था।

• اختار موسى يوم العيد؛ لتعلو كلمة الله، ويظهر دينه، ويكبت الكفر، أمام الناس قاطبة في المجمع العام ليَشِيع الخبر.
• मूसा अलैहिस्सलाम ने ईद (उत्सव) का दिन चुना; ताकि आम सभा में सभी लोगों के सामने अल्लाह का शब्द ऊँचा हो जाए, उसका धर्म ग़ालिब हो जाए, कुफ़्र परास्त हो जाए और साथ ही यह ख़बर फैल जाए।

 
Translation of the meanings Ayah: (60) Surah: Tā-ha
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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