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Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi translation of Al-Mukhtsar in interpretation of the Noble Quran * - Translations’ Index


Translation of the meanings Surah: An-Naml   Ayah:
وَلَقَدْ اَرْسَلْنَاۤ اِلٰی ثَمُوْدَ اَخَاهُمْ صٰلِحًا اَنِ اعْبُدُوا اللّٰهَ فَاِذَا هُمْ فَرِیْقٰنِ یَخْتَصِمُوْنَ ۟
हमने समूद जाति की ओर उनके नसबी भाई सालेह अलैहिस्सलाम को भेजा कि तुम केवल एकमात्र अल्लाह की इबादत करो। परंतु उनके निमंत्रण के बाद वे दो समूह बन गए : एक ईमान लाने वाला समूह और दूसरा काफिर समूह, वे इस बात पर झगड़ने लगे कि उनमें से कौन सत्य पर है।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالَ یٰقَوْمِ لِمَ تَسْتَعْجِلُوْنَ بِالسَّیِّئَةِ قَبْلَ الْحَسَنَةِ ۚ— لَوْلَا تَسْتَغْفِرُوْنَ اللّٰهَ لَعَلَّكُمْ تُرْحَمُوْنَ ۟
सालेह अलैहिस्सलाम ने उनसे कहा : तुम रहमत से पहले अज़ाब को क्यों जल्दी माँगते हो? तुम अपने पापों के लिए अल्लाह से क्षमा क्यों नहीं माँगते, इस आशा में कि वह तुमपर दया करे।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالُوا اطَّیَّرْنَا بِكَ وَبِمَنْ مَّعَكَ ؕ— قَالَ طٰٓىِٕرُكُمْ عِنْدَ اللّٰهِ بَلْ اَنْتُمْ قَوْمٌ تُفْتَنُوْنَ ۟
उनके समुदाय ने सत्य से हठधर्म दिखाते हुए उनसे कहा : हम तुमसे तथा तुम्हारे साथ जो मोमिन हैं उनसे अपशकुन लेते हैं। सालेह अलैहिस्सलाम ने उनसे कहा : तुम अपने ऊपर आने वाली कठिनाइयों के कारण पक्षियों को उड़ाकर जो अपशकुन लेते हो, अल्लाह के पास उसका ज्ञान है, उसमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है। बल्कि तुम्हें जो बड़ी मात्रा में भलाई प्रदान की जा रही है तथा तुम जो बुराइयों से ग्रस्त होते हो, उनके द्वारा तुम आज़माए जा रहे हो।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَكَانَ فِی الْمَدِیْنَةِ تِسْعَةُ رَهْطٍ یُّفْسِدُوْنَ فِی الْاَرْضِ وَلَا یُصْلِحُوْنَ ۟
और "हिज्र" शहर में नौ आदमी थे, जो कुफ़्र और पापों के द्वारा धरती में बिगाड़ पैदा करते थे, तथा ईमान और अच्छे कर्मों के द्वारा उसमें सुधार नहीं करते थे।
Arabic explanations of the Qur’an:
قَالُوْا تَقَاسَمُوْا بِاللّٰهِ لَنُبَیِّتَنَّهٗ وَاَهْلَهٗ ثُمَّ لَنَقُوْلَنَّ لِوَلِیِّهٖ مَا شَهِدْنَا مَهْلِكَ اَهْلِهٖ وَاِنَّا لَصٰدِقُوْنَ ۟
उन्होंने एक-दूसरे से कहा : हममें से प्रत्येक व्यक्ति अल्लाह की क़सम खाए कि हम अवश्य ही रात में उसके घर पर हमला करेंगे, फिर हम अवश्य ही उसे और उसके परिवार को क़त्ल कर देंगे। फिर हम अवश्य ही उसके खून के उत्तराधिकारी से कह देंगे : हम सालेह और उसके परिवार की हत्या के समय उपस्थित नहीं थे और हमने जो कहा, उसमें हम बिलकुल सच्चे हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَمَكَرُوْا مَكْرًا وَّمَكَرْنَا مَكْرًا وَّهُمْ لَا یَشْعُرُوْنَ ۟
और उन्होंने सालेह तथा उनके ईमान वाले अनुयायियों को नष्ट करने के लिए एक छिपी हुई साजिश रची, तथा हमने भी उनकी मदद करने, उन्हें उन लोगों की साज़िश से बचाने और उनकी जाति के काफ़िरों को नष्ट करने के लिए गुप्त उपाय किया, और वे इसके बारे में नहीं जानते थे।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَانْظُرْ كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ مَكْرِهِمْ ۙ— اَنَّا دَمَّرْنٰهُمْ وَقَوْمَهُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟
तो (ऐ रसूल!) आप ग़ौर कीजिए कि उनकी साज़िश और चाल का परिणाम कैसा रहा? हमने उन्हें अपनी ओर से यातना देकर सबको विनष्ट कर दिया।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَتِلْكَ بُیُوْتُهُمْ خَاوِیَةً بِمَا ظَلَمُوْا ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً لِّقَوْمٍ یَّعْلَمُوْنَ ۟
तो ये उनके घर हैं जिनकी दीवारें उनकी छतों समेत गिर गई हैं और अपने निवासियों से खाली हैं, ऐसा उनके अत्याचार के कारण हुआ है। इन लोगों को उनके अत्याचार के कारण जो यातना पहुँची है, उसमें उन लोगों के लिए निश्चय एक सबक़ है जो ईमान रखते हैं, क्योंकि वही लोग हैं जो निशानियों से सबक़ हासिल करते हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاَنْجَیْنَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَكَانُوْا یَتَّقُوْنَ ۟
और हमने सालेह अलैहिस्सलाम के समुदाय में से उन लोगों को बचा लिया, जो अल्लाह पर ईमान लाए तथा अल्लाह से उसकी आज्ञाओं का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर डरते थे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَلُوْطًا اِذْ قَالَ لِقَوْمِهٖۤ اَتَاْتُوْنَ الْفَاحِشَةَ وَاَنْتُمْ تُبْصِرُوْنَ ۟
और (ऐ रसूल!) लूत अलैहिस्सलाम को याद करें, जब उन्होंने अपनी जाति से, उन्हें फटकार लगाते तथा उनकी निंदा करते हुए कहा : क्या तुम अपने क्लबों में खुले तौर पर घिनौना काम - लिवात - करते हो, जबकि तुम एक-दूसरे को देखते हो?!
Arabic explanations of the Qur’an:
اَىِٕنَّكُمْ لَتَاْتُوْنَ الرِّجَالَ شَهْوَةً مِّنْ دُوْنِ النِّسَآءِ ؕ— بَلْ اَنْتُمْ قَوْمٌ تَجْهَلُوْنَ ۟
क्या वाक़ई तुम औरतों को छोड़कर कामवासना की पूर्ति के लिए मर्दों के पास जाते हो! तुम शुद्धता या संतान नहीं चाहते, केवल एक पशु वासना की पूर्ति चाहते हो।बल्कि, तुम ऐसे लोग हो जिन्हें अपने ऊपर अनिवार्य ईमान, पवित्रता और पापों से दूरी का भी ज्ञान नहीं है।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• الاستغفار من المعاصي سبب لرحمة الله.
• पापों से क्षमा माँगना अल्लाह की दया का कारण है।

• التشاؤم بالأشخاص والأشياء ليس من صفات المؤمنين.
• व्यक्तियों तथा वस्तुओं से अपशकुन लेना मोमिनों की विशेषताओं में से नहीं है।

• عاقبة التمالؤ على الشر والمكر بأهل الحق سيئة.
• सच्चे लोगों के प्रति बुराई और साज़िश पर एक-दूसरे की मदद करने का परिणाम बुरा होता है।

• إعلان المنكر أقبح من الاستتار به.
• बुराई को खुल्लम-खुल्ला करना, उसे छुपाकर करने के मुक़ाबले में अधिक बुरा है।

• الإنكار على أهل الفسوق والفجور واجب.
• अवज्ञा और पाप करने वालों की निंदा करना ज़रूरी है।

 
Translation of the meanings Surah: An-Naml
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Issued by Tafsir Center for Quranic Studies

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